BJP नेताओं के करीबी बताकर करते थे ठगी, पार्टी के कई नेताओं को लगाया चूना, पुलिस ने दो को दबोचा

आरोपियों के मोबाइल नंबर की जांच से पता चला कि एक शख्स का नाम प्रवीण सिंह है, जो दिल्ली के घडोली इलाके में रहता है. इसी मामले में एक और आरोपी पीयूष कुमार श्रीवास्तव को भी लखनऊ से गिरफ्तार किया गया है.

नई दिल्‍ली : 

दिल्ली पुलिस ने दो ऐसे लोगों को गिरफ्तार किया है जो खुद को बीजेपी नेता और बीजेपी अध्यक्ष समेत कई बड़े नेताओं का करीबी बताकर ठगी को अंजाम देते थे. मध्य दिल्ली के डीसीपी संजय सेन के मुताबिक बीते 9 मई को बीजेपी मुख्यालय की तरफ से शिकायत मिली थी कि कुछ लोग खुद को बीजेपी नेता और केंद्र सरकार के मंत्रियों का करीबी बताकर लोगों के साथ ठगी कर रहे हैं और बीजेपी की छवि खराब करने की कोशिश कर रहे हैं. इसके बाद साइबर सेल पुलिस थाने में केस दर्ज कर जांच शुरू की गई.

पुलिस ने बताया कि आरोपियों के मोबाइल नंबर की जांच से पता चला कि एक शख्स का नाम प्रवीण सिंह है, जो दिल्ली के घडोली इलाके में रहता है. पुलिस ने उस नंबर पर कांट्रेक्टर बनकर फोन किया और उसे मयूर विहार बुलाया. आरोपी जैसे ही मयूर विहार पहुंचा उसे पकड़ लिया गया.

आरोपी प्रवीण ने पूछताछ में बताया कि उसने इंटरनेट के जरिए पार्टी नेताओं के बारे में जानकारी हासिल की. इसके बाद वो उत्तर-पूर्व में पार्टी के कई नेताओं के संपर्क में आ गया. उसने उन्हें बताया कि वो पार्टी के केंद्रीय ऑफिस में काम करता है. प्रवीण ने उन नेताओं को बड़ी जिम्मेदारी देने की बात कही और पार्टी फंड के नाम पर पैसा लेकर उनके साथ ठगी की.

नेताओं, सरकारी अफसरों, ठेकेदारों से ठगी 
पुलिस के मुताबिक, वो उन्हीं नेताओं से होटल बुक कराता, एयर टिकट बुक कराता और उन्हीं के पैसे से दूसरे खर्च करता. साथ ही आरोपी कई बड़े नेताओं के साथ अपनी फोटो भी दिखाता था. इस तरह उसने नेताओं, सरकारी अफसरों और ठेकेदारों से लाखों रुपए ठग लिए. वो इस पैसे को सट्टे और लैविश लाइफ जीने के लिए खर्च कर रहा था.

खुद को BJP अध्‍यक्ष का OSD बताता था आरोपी 
इसी मामले में एक और आरोपी पीयूष कुमार श्रीवास्तव को भी लखनऊ से गिरफ्तार किया गया है, जो खुद को बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा का ओएसडी बताता था. वो एक एनजीओ भी चला रहा था, जिसका नाम भारतीय इनक्लूसिव डेवलपमेंट फाउंडेशन था.

गेल के अधिकारी से ठगे 40 लाख रुपये 
आरोपी पीयूष कुमार श्रीवास्‍तव अलग-अलग विभागों में सरकारी अधिकारियों को अपना ओएसडी लिखा विजिटिंग कार्ड भेजता था और उनसे पैसे ऐंठता था. इस तरह उसने गेल के अधिकारी से 40 लाख रुपए से ज्यादा ले लिए. इनमें से प्रवीण 12वीं पास है, जबकि पीयूष ने एमबीए किया है.

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