रात 9:30 बजे तक इंतज़ार करते रहे मंत्री, बैठक के लिए नहीं आए शीर्ष अधिकारी : रिपोर्ट

दिल्ली में नौकरशाहों के नियंत्रण और पोस्टिंग को लेकर केंद्र के साथ टकराव में AAP सरकार के पक्ष में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद बोर्ड की यह पहली बैठक थी. सूत्रों के मुताबिक, बोर्ड के दो अन्य सदस्य भी सौरभ भारद्वाज के साथ देर शाम तक बैठक का इंतज़ार करते रहे.

नई दिल्ली: 

दिल्ली सरकार के हालिया निर्देशों पर विचार करने के लिए मंगलवार को बुलाई गई सिविल सेवा बोर्ड (CSB) की एक अहम बैठक में देरी हो गई, क्योंकि मुख्य सचिव अनुपलब्ध थे. यह जानकारी सूत्रों ने दी है. दिल्ली के सेवा मंत्री सौरभ भारद्वाज रात 9:30 बजे तक बैठक का इंतज़ार करते रहे, लेकिन मुख्य सचिव नरेश कुमार के दिनभर व्यस्त रहने के कारण बैठक नहीं हो सकी.

दिल्ली में नौकरशाहों के नियंत्रण और पोस्टिंग को लेकर केंद्र के साथ टकराव में AAP सरकार के पक्ष में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद बोर्ड की यह पहली बैठक थी. सूत्रों के मुताबिक, बोर्ड के दो अन्य सदस्य भी सौरभ भारद्वाज के साथ देर शाम तक बैठक का इंतज़ार करते रहे.

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को फैसला सुनाया था कि दिल्ली सरकार के पास सेवाओं के प्रशासन पर विधायी और कार्यकारी शक्तियां हैं और केवल ‘सार्वजनिक व्यवस्था, पुलिस और भूमि’ को दिल्ली सरकार के अधिकार क्षेत्र से बाहर रखा गया है. देश के प्रधान न्यायाधीश (CJI) जस्टिस डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा था कि लोकतांत्रिक शासन प्रणाली में प्रशासन की शक्ति निर्वाचित सरकार के पास होनी चाहिए और उपराज्यपाल उसके फैसले से बंधे हैं.

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के कुछ ही घंटे बाद भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) अधिकारी आशीष मोरे को सेवा विभाग के सचिव पद से हटा दिया गया था. श्री भारद्वाज ने कहा था कि आशीष मोरे को गुरुवार को सूचना दे दी गई थी, लेकिन वह ‘अप्रत्याशित रूप से सचिवालय छोड़ गए थे’ और अपना फोन बंद कर दिया था. उन्हें ‘सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन नहीं करने’ के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था.

आशीष मोरे को हटाने के अलावा सौरभ भारद्वाज ने आदेश दिया था कि उनकी जगह IAS ए.के. सिंह को नियुक्त किया जाए. दोनों आदेश अभी तक लागू नहीं हुए हैं.

इससे पहले, सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने घोषणा की थी कि भ्रष्ट अधिकारियों को हटाने और ईमानदार, मेहनती अधिकारियों को लाने के लिए तबादले होंगे. ‘उत्तरदायी, भावुक और जवाबदेह’ सरकार का वादा करते हुए केजरीवाल ने कहा था, “हमारा काम अब 10 गुना गति से फिर शुरू होगा…”

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