यूपी में दो चरणों में हुए शहरी स्थानीय निकाय चुनावों में नगर पालिका परिषद के 198 अध्यक्षों और 5,260 सदस्यों, नगर पंचायतों के 542 अध्यक्षों और नगर पंचायतों के 7,104 सदस्यों के चुनाव के लिए भी मतदान हुआ.
लखनऊ :
उत्तर प्रदेश में हाल में संपन्न नगर निकाय चुनाव(UP Local Body Election) में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने महापौर की सभी 17 सीटों पर जीत हासिल कर और 50 प्रतिशत से अधिक पार्षदों की सीट पर कब्जा कर भले ही शानदार विजय हासिल किया हो, लेकिन इस चुनाव में राज्य की राजनीति में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) और आम आदमी पार्टी (AAP) जैसे नए खिलाड़ियों ने भी कहीं-न-कहीं अपनी मौजूदगी दर्ज करायी है. आप और एआईएमआईएम दोनों ने महापौर की कोई सीट नहीं जीती, लेकिन एआईएमआईएम के 19 उम्मीदवारों ने पार्षदों की सीट (राज्य के विभिन्न नगर निगमों में) जीती, जबकि आप के आठ उम्मीदवार भी पार्षद बने.
AIMIM 33 उम्मीदवार नगर पालिका परिषद के सदस्य चुने गए
राज्य में नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष पद के लिए आप और एआईएमआईएम ने तीन-तीन सीटें जीती हैं. एआईएमआईएम के 33 उम्मीदवार नगर पालिका परिषद के सदस्य चुने गए, जबकि आप के 30 उम्मीदवारों ने भी इसी पद पर जीत दर्ज की. नगर पंचायत अध्यक्ष पद के लिए हुए चुनाव में आप के छह और एआईएमआईएम के एक उम्मीदवार ने जीत दर्ज की है. नगर पंचायत सदस्य पद के लिए हुए चुनाव में आप के 61 उम्मीदवार विजयी हुए और एआईएमआईएम के 23 उम्मीदवारों ने सफलता का स्वाद चखा.
रामपुर में ‘आप’ की बड़ी जीत…
राज्य निर्वाचन आयोग (एसईसी) के अनुसार, आप और एआईएमआईएम द्वारा जीती गई कुल सीटें क्रमशः 108 और 80 हैं. आयोग ने बताया कि शहरी स्थानीय निकायों के चुनाव में आप और एआईएमआईएम (सभी पदों को ध्यान में रखकर) का कुल वोट शेयर क्रमश: 1.63 फीसदी और 1.62 फीसदी रहा. विभिन्न पदों पर पार्टी उम्मीदवारों की जीत की सराहना करते हुए उत्तर प्रदेश में आप के वरिष्ठ नेता शेखर दीक्षित ने कहा, “पार्टी ने रामपुर में नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष पद के लिए एक महत्वपूर्ण जीत दर्ज की, जहां पार्टी की उम्मीदवार सना खानम ने 43,121 मतों के साथ जीत हासिल की. भाजपा के मसरत मुजीब 32,173 मतों के साथ उपविजेता रहे और समाजवादी पार्टी (सपा) की फातमा जाबी 16,273 मतों के साथ तीसरे स्थान पर रहीं.”
आप, भाजपा के लिए एक ‘व्यवहार्य विकल्प’…
दीक्षित ने कहा कि आप, भाजपा के लिए एक ‘व्यवहार्य विकल्प’ बन गई है. इस चुनाव में पार्टी के प्रदर्शन के बारे में विस्तार से बताते हुए उन्होंने कहा, “लोगों ने सपा से दूर जाना शुरू कर दिया है और आप में लोग भाजपा का विकल्प देख रहे हैं. अगर कोई देश में विपक्षी पार्टी का काम कर रहा है, तो वह या तो कांग्रेस के राहुल गांधी हैं या आप के अरविंद केजरीवाल और संजय सिंह की जोड़ी है.” एआईएमआईएम के राष्ट्रीय प्रवक्ता सैयद असीम वकार से संपर्क करने पर उन्होंने कहा कि पार्टी जीतने वाले उम्मीदवारों का विवरण संकलित कर रही है.
दो चरणों में हुए शहरी स्थानीय निकाय चुनाव…
मौजूदा चुनाव में पार्टी के प्रदर्शन के संभावित कारणों के बारे में पूछे जाने पर वकार ने कहा, “मतदाता बहुत समझदार हैं. जब शिक्षा के स्तर में सुधार होता है, तो सोचने के तरीके में एक स्पष्ट परिवर्तन होता है. मतदाता जानते हैं कि उनके लिए और उनके अधिकारों के लिए कौन खड़ा होगा.” दो चरणों में हुए शहरी स्थानीय निकाय चुनावों में नगर पालिका परिषद के 198 अध्यक्षों और 5,260 सदस्यों, नगर पंचायतों के 542 अध्यक्षों और नगर पंचायतों के 7,104 सदस्यों के चुनाव के लिए भी मतदान हुआ. कुल 162 जनप्रतिनिधि निर्विरोध चुने गए, जबकि 14,522 पदों के लिए 83,378 उम्मीदवार चुनाव मैदान में थे. शहरी स्थानीय निकाय चुनावों में 11 मई को दूसरे चरण में 38 जिलों में 53 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया, जबकि चार मई को पहले चरण में राज्य के 37 जिलों में 52 प्रतिशत मतदान हुआ. राज्य निर्वाचन आयोग के अनुसार, शहरी स्थानीय निकाय चुनावों में 4.32 करोड़ लोग मतदान करने के योग्य थे। 2017 में मतदान तीन चरणों में हुए थे और कुल मतदान प्रतिशत 53 प्रतिशत था.