दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास की मरम्मत पर 45 करोड़ रुपये खर्च किए जाने पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने उन्हें ‘‘महाराजा’’ करार दिया.
नई दिल्ली:
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर हमला करने का एक और मुद्दा मिल गया है. भाजपा ने दावा किया कि शहर के सिविल लाइंस इलाके स्थित सीएम अरविंद केजरीवाल के सरकारी आवास के ‘सौंदर्यीकरण’ पर लगभग 45 करोड़ रुपये खर्च किए गए और इसने ‘नैतिक’ आधार पर उनके इस्तीफे की मांग की है. इस पर आप नेता संजय सिंह ने कहा कि लोगों का ध्यान असल मुद्दों से भटकाने के लिए विवाद खड़ा किया गया है. उन्होंने कहा, “खुद को फकीर कहने वाले प्रधानमंत्री 500 करोड़ रुपये से अपने लिए घर बनवा रहे हैं, जिस घर में वह अभी रह रहे हैं, उसके जीर्णोद्धार पर 90 करोड़ रुपये खर्च किए गए.”
भाजपा ने कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास पर 45 करोड़ रुपये के मरम्मत कार्यों का सबसे ‘दयनीय’ पहलू यह है कि इस धनराशि को तब मंजूरी दी गई, जब दिल्ली कोविड-19 वैश्विक महामारी की चपेट में थी. बीजेपी के प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा, “कोरोना महामारी जब पीक पर थी और लोगों की मौत हो रही थी, तब अरविंद केजरीवाल अपने बंगले के रेनोवेशन में व्यस्त थे. इस दौरान अरविंद केजरीवाल ने अपने शीशमहल के रेनोवेशन में करोड़ों रुपये खर्च किए. एक समय केजरीवाल कहते थे, एक कमरे के मकान में रहना चाहिए. पैर पैसारने से लेकर शराब घोटाले तक की ये कहानी मीडिया के सामने रखी जा रही है.”
“महाराजा केजरीवाल”
केजरीवाल के आवास की मरम्मत पर 45 करोड़ रुपये खर्च किए जाने पर भाजपा ने उन्हें ‘महाराजा’ करार दिया. संबित पात्रा ने कहा कि ‘अरविंद केजरीवाल महाराज’ की कहानी को न चलाने के लिए अब मीडिया को भी प्रलोभन दिया जा रहा है. अब, जब केजरीवाल से सवाल पूछा जाता है, तो कहते प्रधानमंत्री किस गाड़ी से चलते हैं? सेंट्रल विस्टा पर भीसवाल उठाएंगे, लेकिन सेंट्रल विस्टा देश की धरोहर है. बंगले के लिए ‘उत्कृष्ट’ उत्पादों के चयन और ‘आलीशान एवं आरामदायक जीवन की लालसा’ के लिए राजा-महाराजा भी केजरीवाल के आगे सिर झुकाएंगे. केजरीवाल के बंगले के लिए खरीदे गए आठ पर्दों में से एक की कीमत 7.94 लाख रुपये से अधिक थी, जबकि इनमें से सबसे सस्ता पर्दा 3.57 लाख रुपये का था. बंगले के लिए 1.15 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य का संगमरमर वियतनाम से लाया गया था, जबकि चार करोड़ रुपये पूर्व-निर्मित लकड़ी की दीवारों पर खर्च किए गए थे.
AAP ने दी ये सफाई
केजरीवाल के आवास के मुद्दे पर दिल्ली सरकार की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई, लेकिन सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) ने भाजपा पर पलटवार किया. आप के वरिष्ठ नेता राघव चड्ढा ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री आवास 75-80 साल पहले 1942 में बनाया गया था। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार के लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) ने ऑडिट के बाद इसके जीर्णोद्धार की सिफारिश की थी. पीडब्ल्यूडी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘यह नवीनीकरण नहीं था और पुराने ढांचे के स्थान पर एक नया ढांचा बनाया गया है. वहां उनका शिविर कार्यालय भी है. खर्च लगभग 44 करोड़ रुपये है, लेकिन गौर करने वाली बात यह है कि पुराने ढांचे को नए के साथ बदला गया है.”
आप प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने ट्वीट किया, “मित्र डोनाल्ड ट्रंप के तीन घंटे के दौरे पर 80 करोड़ रुपये खर्च किए गए. गुजरात और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री अपने लिए 200 करोड़ रुपये का विमान लेते हैं. किसी भी चैनल में इस पर बहस करने की हिम्मत नहीं है.” उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल को 1942 में बना 1 एकड़ से छोटा बंगला आवंटित किया गया था, जिसकी छत तीन बार गिरी थी. एक बार उनके माता-पिता के कमरे की छत गिर गई थी और एक बार जहां उन्होंने जनता दरबार आयोजित किया था. उपराज्यपाल के बंगले की पेंटिंग/मरम्मत, दिल्ली के मुख्यमंत्री के लिए एक घर बनाने की लागत से अधिक है.”