महानदी जल विवाद अधिकरण, नई दिल्ली के माननीय अध्यक्ष सहित वरिष्ठ विधिक अधिवक्तागण, छत्तीसगढ़ एवं उड़ीसा राज्य के विधिक एवं तकनीकी अधिकारियों के द्वारा नवगठित जिला खैरागढ़-छुईखदान-गंडई के प्रस्तावित संरचनाओ और जल स्रोतों का निरीक्षण व भ्रमण किया गया। संयुक्त दल का निरीक्षण महानदी के जल विवाद को लेकर उड़ीसा राज्य की शिकायत पर दो चरणों मे निर्धारित किया गया है।
संयुक्त दल में सुप्रीम कोर्ट के माननीय जस्टिस श्री ए. एम. खानविलकर की अध्यक्षता में अधिकरण दल के सदस्य पटना उच्च न्यायालय के माननीय जस्टिस श्री रवि रंजन और उच्च न्यायालय नई दिल्ली के माननीय जस्टिस श्रीमती इंदरमीत कौर कोचर सहित संयुक्त दल के सदस्यों ने महानदी की सहायक नदी बेसिन जल स्रोत क्षेत्र का निरीक्षण व भ्रमण किया। इस दौरान संयुक्त दल ने जिला के छुईखदान तहसील के पिपरिया जलाशय, ग्राम छिंदारी और प्रस्तावित सिद्धबाबा लघु जलाशय, ग्राम उरतुली का स्थल निरीक्षण किया। राज्य में प्रथम चरण का निरीक्षण 18 से 22 अप्रैल को और द्वितीय चरण का निरीक्षण 30 अप्रैल से 03 मई तक किया जाना है।
पिपरिया जलाशय छुईखदान के ग्राम छिंदारी में पिपरिया और नथेला नदी पर अवस्थित है, इसकी इसकी जल क्षमता 40.56 मिलियन क्यूबिक मीटर है। वही सिद्धबाबा लघु जलाशय, ग्राम उरतुलि में लमती नदी पर प्रस्तावित है। इसकी जल क्षमता 8.34 मिलियन क्यूबिक मीटर होगी। संयुक्त दल के समक्ष चर्चा के दौरान छत्तीसगढ़ और उड़ीसा राज्य के विधिक एवं तकनीकी अधिकारियों के द्वारा पक्ष रखा गया। इस दौरान राज्य और जिला स्तर के सम्बंधित प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित हुए।