अजीत पवार के बीजेपी में जाने की चर्चा जोर पकड़ रही है. इस बीच मंगलवार को उन्होंने अपने समर्थक विधायको की मुंबई में एक मीटिंग बुलाई है.
एनसीपी नेता अजीत पवार (Ajit Pawar) को लेकर चर्चा जोरों पर है कि वो बीजेपी के साथ जा सकते हैं. हालांकि खुद अजीत पवार पिछले एक हफ्ते इस बात का खंडन करते आ रहे हैं. लेकिन फिर भी सवाल ये है सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) का फैसला अगर एकनाथ शिंदे के खिलाफ गया तो क्या बीजेपी को अजीत पवार की जरूरत पड़ेगी ? हालांकि बीजेपी और एकनाथ शिंदे की शिवसेना के विधायको की संख्या देखते हुए ऐसा नहीं लगता.
इसके बावजूद भी कल ही खबर उड़ी थी कि अजीत पवार ने मंगलवार को अपने समर्थक विधायको की मुंबई में एक मीटिंग बुलाई है .अजीत पवार कल इस बात का खंडन कर चुके हैं. आज वो विधानभवन में पार्टी कार्यालय में मौजूद हैं. उनके साथ में धर्मराव बाबा आतराम (अहेरी विधानसभा ) और शेखर निकम , (चिपलून संगमेश्वर विधानसभा) जैसे गिनती के विधायक ही हैं.
वर्तमान में विधानसभा में संख्या बल का गणित
बीजेपी के पास अपने 109 विधायक हैं. उसे 6 निर्दलीय विधायकों का समर्थन प्राप्त है. यानी कुल 115 विधायक है. वहीं मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के साथ 40 उनके और 10 निर्दलीय विधायक हैं. कुल विधायकों की संख्या 50 है. ऐसे में 115 और 50 मिलाकर हुए 165. जबकि विधानसभा में बहुमत का आकंड़ा 145 का है.
अगर 16 विधायक अपात्र हो भी जाते तो सरकार के साथ 149 विधायक रहते हैं. 16 विधायकों अपात्र होते हैं तो विधानसभा में 272 विधायक बचेंगे. तब बहुमत का आकंड़ा 137 होगा. जबकि सरकार के पास 149 विधायक का साथ है.