NDTV की खबर का असर : पद्म श्री जोधइया बाई के पक्के आवास की मांग पूरी, सरकार ने दिए पैसे

जोधइया बाई बैगा उन 91 लोगों में शुमार हैं, जिन्हें इस बार पद्म श्री से नवाजा जाएगा. 84 वर्ष उम्र पार कर चुकीं जोधइया बाई ने रंगों से अपनी और उमरिया जिले की अलग पहचान बनाई है लेकिन उसी जिले में वे एक अदद आवास के लिए तरस रही हैं.

नई दिल्ली: 

मध्यप्रदेश के राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने उमरिया जिले लोढ़ा में रहने वाली अन्तर्राष्ट्रीय चित्रकार पद्म श्री जोधइया बाई को उनके आवास के जीर्णोद्धार हेतु एक लाख पचास हजार रुपये दिए हैं. इतना ही नहीं उमरिया जिले में ट्राइबल आर्ट क्लस्टर्स को बढ़ावा देने हेतु राशि 5 लाख रुपये विवेकाधीन मद से स्वीकृत किए गए हैं.

आवास जीर्णोद्धार का चेक कलेक्टर कृष्ण देव त्रिपाठी ने लोढ़ा स्थित जनगण तस्वीरखाना पहुंचकर खुद पद्मश्री जोधईया बाई को सौंपा है. बता दें कि एनडीटीवी ने पद्म श्री जोधइया बाई की खबर प्रमुखता से चलाई थी, जिसका अब असर देखने को मिल रहा है.

मालूम हो कि जोधइया बाई बैगा उन 91 लोगों में शुमार हैं, जिन्हें इस बार पद्म श्री से नवाजा जाएगा. 84 वर्ष उम्र पार कर चुकीं जोधइया बाई ने रंगों से अपनी और उमरिया जिले की अलग पहचान बनाई है लेकिन उसी जिले में वे एक अदद आवास के लिए तरस रही थी. इस संबंध में उन्होंने कहा था कि पिछले साल प्रधानमंत्री से मुलाकात के दौरान भी उन्होंने इसका ज़िक्र किया था, लेकिन अभी तक आवास नहीं मिला. वहीं प्रशासन का कहना है उनका नाम लिस्ट में नहीं है.

जोधइया अम्मा ने कहा था, “मैं हाथ जोड़कर बोलती हूं. मोदीजी, शिवराजजी से मुझे मकान दे दो, मैं बहुत गरीब हूं. अकेले न बना खा सकती हूं, मैं कहां रहूं.”

जोधइया अम्मा के परिवार में दो बेटे-बहू और नाती हैं. दोनों बेटे मजदूरी करते हैं. बेटों को आवास मिला है, प्रधानमंत्री आवास के नियम कहते हैं कि आवास योजना ग्रामीण के लिए आवेदन करने वाला गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाला होना चाहिए. आवेदक के नाम पर देश में कही भी पक्का मकान नहीं होना चाहिए. आवेदन करने वाले परिवार की वार्षिक आय 3 लाख से 6 लाख के बीच होना चाहिए. आवास योजना के तहत एक परिवार में केवल एक ही आवास निर्माण किया जाएगा.

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