सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सीलबंद कवर ने अपीलकर्ताओं को लड़ने के लिए अंधेरे में छोड़कर निष्पक्ष और उचित कार्यवाही के अधिकार पर अंकुश लगाया है.
नई दिल्ली:
राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देने और सील कवर को लेकर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला आया है. कोर्ट ने राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित मामलों की सुनवाई के दौरान ‘सीलबंद कवर’ प्रक्रिया अपनाने वाली व्यापक गाइडलाइन जारी की है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला ‘थिन एयर’ में नहीं दिया जा सकता. इसके पीछे ठोस कारण दिए जाने चाहिए. सरकार को पहले राष्ट्रीय सुरक्षा के बारे में अदालत को समझाना होगा, फिर यह बताना होगा कि इस तरह की चिंता कैसे प्राकृतिक न्याय के सिद्धांत पर हावी हो जाती है.
फैसला देते हुए चीफ जस्टिस (CJI) डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा कि सुरक्षा कारणों से इनकार के कारणों का खुलासा नहीं करना और सिर्फ सीलबंद लिफाफे में कोर्ट को बताना प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों और निष्पक्ष कार्यवाही के अधिकार का उल्लंघन है. केवल राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मुद्दों में शामिल होने से राज्य निष्पक्षता से काम नहीं कर पाएगा. कोर्ट ने कहा कि अपनाई गई सीलबंद कवर प्रक्रिया ने याचिकाकर्ता को भूल भुलैया में डाल दिया. ये तरीका प्राकृतिक न्याय और संविधान द्वारा दिए गए मौलिक अधिकार के खिलाफ है.
अदालत ने कहा कि सीलबंद कवर ने अपीलकर्ताओं को लड़ने के लिए अंधेरे में छोड़कर निष्पक्ष और उचित कार्यवाही के अधिकार पर अंकुश लगाया है. यदि राज्य निष्पक्ष रूप से कार्य करने के अपने कर्तव्य को छोड़ देता है तो उसे संतुष्ट होना चाहिए कि राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा है और प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों को समाप्त किया जा सकता है.