मुख्यमंत्री युवा कौशल कमाई योजना का क्रियान्वयन एक जुलाई से आरंभ होगा. इसमें प्रदेश के युवा, श्रेष्ठतम प्रतिष्ठानों से जुड़ कर कौशल सीखेंगे.
भोपाल:
मध्यप्रदेश सरकार ने चुनावी साल में दुनिया की सबसे बड़ी अप्रेंटिसशिप योजना का ऐलान किया है. सरकार की तरफ से इसका मुख्यमंत्री युवा कौशल कमाई योजना रखा गया है. इसके तहत युवाओं को पढ़ने के साथ कमाई का मौक़ा मिलेगा. ट्रेनिंग के दौरान ही उन्हें 8 हजार रु. महीना दिया जाएगा. इसके लिए 1 जून से यूथ पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन की शुरुआत हो जाएगी. 15 से 29 साल के युवा इस योजना के लाभार्थी बन सकते हैं.शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि जैसे चिड़िया अपने बच्चों को घोंसलों में नहीं रखती, उन्हें उड़ना सिखाती है, वैसे ही हम हमारे युवाओं को बेरोजगारी भत्ता न देकर विभिन्न कौशल सीखने और अपने आप को रोजगार के लिए तैयार करने के अवसर प्रदान करेंगे.
मुख्यमंत्री युवा कौशल कमाई योजना का क्रियान्वयन एक जुलाई से आरंभ होगा. इसमें प्रदेश के युवा, श्रेष्ठतम प्रतिष्ठानों से जुड़ कर कौशल सीखेंगे, वे लर्न भी करेंगे और अर्न भी करेंगे. ऐसे युवाओं को हर माह कम से कम 8 हजार रूपए दिए जाएंगे. प्रतिष्ठान अपनी ओर से अलग से भी राशि देंगे. युवाओं के सहयोग से ही नए और आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश का निर्माण होगा. युवा अपने सपने साकार कर सकें और सफलता की ऊँची उड़ान उड़ सकें, इसके लिए राज्य शासन हर संभव व्यवस्था करने और आवश्यक सहयोग उपलब्ध कराने के लिए तत्पर है. इसी कड़ी में आज राज्य की युवा नीति लांच की जा रही है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस साल 1 लाख 24 हजार पदों पर भर्तियां हो रही हैं, जिसमें 50 हजार भर्तियां हो गई हैं. मुख्यमंत्री युवा कौशल योजना में अलग-अलग उद्योग में, सर्विस सेक्टर में, चार्टेड अकाउंटेड, ट्रेड, इंडस्ट्री, तकनीकि सेक्टर में हम युवाओं को ट्रेनिंग दिलाने का काम किया जाएगा और ट्रेनिंग के दौरान उन्हें 8 हजार रुपए महीना दिया जाएगा. ये छात्र इंजीनियरिंग, मेनेजमेंट, अस्पताल, अस्पताल, सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट, चार्टेड अकाउंटेड, मीडिय-कला, कानून-विधि के क्षेत्र में काम कर सकते हैं. योजना के लिये बजट में 1 हजार करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है.
भोपाल के मोतीलाल नेहरू स्टेडियम में यूथ महापंचायत के मंच से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ऐलान किया कि हिंदी के छात्रों के लिए चिकित्सा शिक्षा में सीटें आरक्षित की जाएंगी. नीट में सरकारी स्कूल के बच्चों के लिए 5% आरक्षण देकर अलग से मेरिट लिस्ट बनाई जाएगी. एक साल में जितने चाहे नौकरी फॉर्म भरें, फीस एक बार ही लगेगी.