पीएम मोदी ने मार्च 2018 में राष्ट्रीय राजधानी में आयोजित ‘एंड (समाप्त) टीबी’ सम्मेलन को संबोधित करते हुए क्षयरोग से संबंधित सतत विकास लक्ष्यों को निर्धारित समय से पांच वर्ष पूर्व 2025 तक हासिल करने का आह्वान किया था.
नई दिल्ली:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) का 24 मार्च को वाराणसी आने का प्रोग्राम है. इस दौरान पीएम मोदी ‘वन वर्ल्ड टीबी समिट’ को संबोधित करेंगे. साथ ही 1780 करोड़ रुपये से अधिक लागत वाली परियोजनाओं का शिलान्यास भी करेंगे. एक विज्ञप्ति में बताया गया कि विश्व क्षयरोग (टीबी) दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी अपने संसदीय क्षेत्र में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय और संयुक्त राष्ट्र समर्थित संगठन ‘स्टॉप टीबी पार्टनरशिप’ द्वारा आयोजित ‘वन वर्ल्ड टीबी समिट’ को संबोधित करेंगे.
बयान के अनुसार, पीएम मोदी देशभर में संक्षिप्त टीबी रोकथाम उपचार (टीपीटी) की आधिकारिक शुरुआत के रूप में टीबी मुक्त पंचायत समेत कई परियोजनाओं और क्षयरोग के लिए एक परिवार केंद्रित देखभाल मॉडल की शुरुआत करेंगे. वह इस मौके पर भारत की वार्षिक टीबी रिपोर्ट 2023 भी जारी करेंगे.
राज्यों और जिलों को करेंगे सम्मानित
प्रधानमंत्री इस बीमारी को समाप्त करने की दिशा में योगदान के लिए चयनित राज्यों, केंद्रशासित प्रदेशों व जिलों को सम्मानित भी करेंगे. पीएम मोदी ने मार्च 2018 में राष्ट्रीय राजधानी में आयोजित ‘एंड (समाप्त) टीबी’ सम्मेलन को संबोधित करते हुए क्षयरोग से संबंधित सतत विकास लक्ष्यों को निर्धारित समय से पांच वर्ष पूर्व 2025 तक हासिल करने का आह्वान किया था.
‘वन वर्ल्ड टीबी समिट’ मिलेगा चर्चा का अवसर
बयान के अनुसार ‘वन वर्ल्ड टीबी समिट’ इन लक्ष्यों पर और विचार-विमर्श का अवसर प्रदान करेगी, जहां देश अपने उद्देश्यों की प्राप्ति की ओर बढ़ रहा है. इसमें कहा गया कि मोदी ने पिछले नौ साल में वाराणसी का कायाकल्प करने और शहर में और आसपास रहने वाले लोगों का जीवन सुलभ बनाने पर विशेष ध्यान दिया है.
1780 करोड़ की योजनाओं का करेंगे शिलान्यास
विज्ञप्ति के अनुसार वह संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के मैदान में आयोजित एक कार्यक्रम में 1,780 करोड़ रुपये से अधिक लागत वाली परियोजनाओं का शिलान्यास करेंगे. वह वाराणसी कैंट स्टेशन से गोदौलिया तक यात्री रोपवे की आधारशिला भी रखेंगे. इसमें कहा गया कि परियोजना की अनुमानित लागत करीब 645 करोड़ रुपये आएगी. रोपवे प्रणाली 3.75 किलोमीटर लंबी होगी, जिसमें पांच स्टेशन होंगे. विज्ञप्ति के अनुसार इससे पर्यटकों, तीर्थयात्रियों व स्थानीय लोगों के लिए आवाजाही आसान होगी.
जलमल शोधन संयंत्र की रखेंगे आधारशिला
प्रधानमंत्री नमामि गंगे योजना के तहत भगवानपुर में 55 एमएलडी के जलमल शोधन संयंत्र की आधारशिला रखेंगे. जिसका निर्माण 300 करोड़ रुपये से अधिक लागत से किया जाएगा. वह खेलो इंडिया योजना के तहत सिगरा स्टेडियम के पुनर्निर्माण कार्य के दूसरे और तीसरे चरण की आधारशिला रखेंगे. जल जीवन मिशन के तहत प्रधानमंत्री 19 पेयजल योजनाओं का लोकार्पण करेंगे, जिससे 63 पंचायत के तीन लाख से अधिक लोगों को फायदा होगा. ग्रामीण पेयजल प्रणाली को और मजबूत करने के क्रम में मोदी इस मिशन के तहत 59 पेयजल योजनाओं का शिलान्यास करेंगे.