मध्यप्रदेश विधानसभा के बजट सत्र के 9वें दिन की कार्यवाही शुरू होते ही आज महू का मुद्दा गूंजा, प्रश्नकाल और उसके बाद भी हंगामा होता रहा.
भोपाल :
मध्य प्रदेश के इंदौर जिले के महू में बुधवार रात एक आदिवासी युवती की मौत की गूंज मध्यप्रदेश विधानसभा में भी सुनाई दी. मृतक के परिजनों का आरोप है कि गैंगरेप के बाद उसकी हत्या की गई. गुस्साए लोगों ने पुलिस चौकी पर पथराव किया और तोड़फोड़ की. पुलिस ने हालात पर काबू पाने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े. लाठीचार्ज के अलावा हवाई फायर भी किए. आरोप है कि कथित तौर पर पुलिस फायरिंग में एक आदिवासी युवक की मौत हो गई. महू के बड़गोंदा में धमाकों की गूंज भोपाल तक पहुंची. 22 साल की आदिवासी युवती की मौत के बाद बड़ी तादाद में लोग थाने पहुंचे. इन्होंने कथित तौर पर पथराव किया और गाड़ियां तोड़ी. संघर्ष के दौरान 13 पुलिसवाले घायल हो गए. पुलिस ने जवाब में लाठी भांजी, हवा में गोली चलाई जिसमें 18 साल के युवक की मौत हो गई. आईजी पुलिस राकेश गुप्ता ने कहा, “भीड़ में से कुछ उपद्रवी तत्वों ने कहा कि आरोपी को खुद सजा देंगे. इस बात पर पुलिस ने उन्हें रोका. आत्मरक्षा में गोली चलाई. इस दुखद घटना में एक व्यक्ति की मौत हो गई.”
मध्यप्रदेश विधानसभा के बजट सत्र के 9वें दिन की कार्यवाही शुरू होते ही आज महू का मुद्दा गूंजा, प्रश्नकाल और उसके बाद भी हंगामा होता रहा. सरकार कह रही है कि युवती की मौत की दो वजहें सामने आ रही हैं, वहीं कांग्रेस आदिवासियों पर अत्याचार के आरोप लगा रही है. राज्य सरकार की मंत्री और महू की विधायक उषा ठाकुर ने कहा, “बहन कविता डावर को पानी गरम करने वाली रॉड से करंट लगा और मृत्यु हुई ऐसा उसकी पड़ोसिन ने बताया है. लड़का दौड़कर आया और अस्पताल लेकर गया लेकिन लड़के पर 302, 365 में कार्रवाई हुई वो पुलिस गिरफ्त में था. जो वनवासी समाज था वो कह रहा था हमारे हवाले करो हम मृत्युदंड देंगे.” राज्य के गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने कहा, “थाना प्रभारी इंदौर रेफर किए गए. घटना में 13 लोग घायल हुए. बचाव में फायर हुआ जिसमें एक व्यक्ति की मौत हुई. मजिस्ट्रेयल जांच के आदेश दिए गए हैं.”
कार्रवाई के बजाय मामला छिपाने की कोशिश करते हैं : कांग्रेस
उधर, कांग्रेस नेता और पूर्व सीएम कमलनाथ ने राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, “सबसे साधारण काम है मजिस्ट्रेयिल इंक्वायरी कर दी. पूरे प्रदेश में ऐसे मामले हो रहे हैं, कार्रवाई के बजाए छिपाने की कोशिश करते हैं. ” पूर्व मंत्री विजयलक्ष्मी साधौ ने कहा, “कितनी हास्यास्पद बयान था. आंसू गैस काम नहीं आई तो तुम्हारे पास लाठी नहीं थी. सीधे गोली मारी. एक तरफ बड़े-बड़े आयोजन करते हो, दूसरी तरफ 18 साल के बच्चे को सीधे गोली मारी.”
राज्य में आदिवासी-दलितों पर अत्याचार के मामले बढ़े
वैसे ये तथ्य भी है मध्यप्रदेश में 21 फीसद से आदिवासी आबादी है जो देश में सबसे ज्यादा है. एनसीआरबी की रिपोर्ट के मुताबिक मध्यप्रदेश में आदिवासी और दलितों के खिलाफ अत्याचार के मामले बढ़े हैं. वर्ष 2021 में यहां एससी/एसटी एक्ट के तहत 2627 मामले दर्ज हुए.2020 की तुलना में करीब 9.38 फीसदी अधिक है तब 2401 मामले आए थे.