दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना के बयान पर कहा कि दो करोड़ लोगों ने अगर किसी सरकार को चुनकर भेजा है तो उस सरकार को काम करने देना चाहिए.
नई दिल्ली:
दिल्ली सरकार से जारी खींचतान पर उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने कहा कि इसमें कोई शक नहीं है कि पिछले कुछ दिनों में कुछ मर्यादाएं होती है बोलने की वो टूटी हैं. एक बात कहना चाहूंगा जो पेड़ ने हवा के लिए कही है- रोज़ गिराती यह पत्ते मेरे लेकिन फिर भी हवाओं से टूटते नहीं है रिश्ते मेरे. ये हमारी सरकार है रिश्ते कैसे टूटेंगे. वहीं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना के बयान पर कहा कि मैं समझता हूं यह छोटी बातें हैं. जनतंत्र की इज्जत करनी चाहिए. दो करोड़ लोगों ने अगर किसी सरकार को चुनकर भेजा है तो उस सरकार को काम करने देना चाहिए. वह सरकार को अगर आप काम नहीं करने देंगे तरह-तरह की अड़चनें अड़ायेंगे तो यह सही नहीं है.
उपराज्यपाल के अभिभाषण के दौरान बीजेपी विधायकों के हंगामे पर केजरीवाल पर ने कहा कि यह सही नहीं है क्योंकि नियम के मुताबिक एलजी के भाषण के दौरान डिस्टरबेंस करना एक तरह से मर्यादा के खिलाफ है. एक तरह से सदन की अवमानना है. तो इसके ऊपर अभी एक प्रस्ताव पूरे सदन ने पास किया है कि इस पूरे मामले को उचित कमेटी को भेजा जाएगा कि एलजी के भाषण के दौरान इस तरह से डिस्टरबेंस नहीं करनी चाहिए थी.
वहीं दिल्ली विधानसभा में उपराज्यपाल के अभिभाषण के दौरान बीजेपी विधायकों के हंगामे पर दिल्ली सरकार के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने बीजेपी विधायकों पर कार्रवाई की मांग है. सौरभ भारद्वाज ने मांग की कि इस मामले को विधानसभा की एथिक्स कमेटी को भेजा जाए.