1956 से लेकर 1998 तक माधव नेशनल पार्क में टाइगर थे. टाइगर सफारी भी बनाई गई थी लेकिन किन्ही कारणों से टाइगर एक के बाद एक दम तोड़ते गए और टाइगर सफारी ने भी अपना अस्तित्व खो दिया.
पूर्व केंद्रीय मंत्री माधवराव सिंधिया की 78वीं जयंती के अवसर पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने शुक्रवार को दो बाघों को माधव राष्ट्रीय उद्यान के बलारपुर रेंज में बने बाड़ों में छोड़ा. 27 साल बाद आए इस अवसर के लिए बांधवगढ़ से एक मादा बाघ और सतपुड़ा टाइगर रिजर्व से एक नर बाघ को यहां लाया गया था. इस अवसर पर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि टाइगर की दहाड़ से इलाके में पर्यटन के साथ-साथ रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे. सीएम शिवराज चौहान ने कहा कि इस इलाके में चीता-टाइगर वापस आ गया. उन्होंने अंग्रेजी में कहा- टाइगर इज बैक तो पीछे से आवाज आई- टाइगर अभी जिंदा है. गौरतलब है कि 1956 से लेकर 1998 तक माधव नेशनल पार्क में टाइगर थे. टाइगर सफारी भी बनाई गई थी लेकिन किन्ही कारणों से टाइगर एक के बाद एक दम तोड़ते गए और टाइगर सफारी ने भी अपना अस्तित्व खो दिया.
मुख्यमंत्री ने ‘कहा कि बांधवगढ़ नेशनल पार्क से मादा और सतपुड़ा नेशनल पार्क से नर बाघ शिवपुरी लाया गया है. शीघ्र ही तीन बाघ और लाए जाएंगे. सीएम ने ‘बाघ मित्रों’ से संवाद करते हुए कहा, “हमें बाघ और वन्य-प्राणियों के संरक्षण के लिये लोगों को जागरूक कर बताना होगा कि वन्य-प्राणी हमारे मित्र है और हमें उन्हें संरक्षण देना है.” केन्द्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि 27 वर्षों के बाद माधव नेशनल पार्क में सैलानियों को अब बाघों की दहाड़ सुनने के साथ उन्हें देखने का भी अवसर मिलेगा. दूसरे चरण में 3 बाघ और लाए जाएंगे. उन्होंने कहा कि बाघों के आने से जहाँ पर्यावरण संतुलित होगा, वही स्थानीय स्तर पर विभिन्न क्षेत्रों में रोजगार के अवसर पैदा होंगे. इससे क्षेत्र की आर्थिक संपन्नता भी बढ़ेगी.