मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कथित छेड़छाड़ के मामले में निपटने के तरीके पर नाराजगी जताई है.
भोपाल:
मध्य प्रदेश सरकार ने डिंडोरी जिले के एक स्कूल में कुछ लड़कियों के साथ कथित छेड़छाड़ के मामले में ठीक तरीके से नहीं निपटने को लेकर बुधवार को जिला पुलिस अधीक्षक (एसपी) संजय सिंह का तबादला कर दिया. यह आदेश होली का अवकाश होने के बावजूद आया है. एक अधिकारी ने कहा कि सिंह को भोपाल पुलिस मुख्यालय में सहायक महानिरीक्षक (एआईजी) बनाया गया है.सूत्रों ने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कथित छेड़छाड़ के मामले में निपटने के तरीके पर नाराजगी जताई है.
इस मामले में ड्यूटी में लापरवाही बरतने के आरोप में एक पुलिस अधिकारी को बुधवार सुबह निलंबित कर दिया गया.डिंडोरी एसपी सिंह ने मंगलवार को रोमन कैथोलिक समुदाय के जबलपुर डायोकेसन एजुकेशन सोसाइटी द्वारा संचालित स्कूल में कुछ लड़कियों की शिकायत पर मामला दर्ज करते हुए ड्यूटी में लापरवाही बरतने के आरोप में एक पुलिसकर्मी को निलंबित करने का आदेश दिया था. जिला मुख्यालय से करीब 60 किलोमीटर दूर कुछ छात्राओं द्वारा मारपीट और छेड़छाड़ की शिकायत पर जुनवानी के स्कूल के एक पादरी, एक नन, प्रधानाध्यापक और एक अतिथि शिक्षक के खिलाफ चार मार्च को मामला दर्ज कर प्रधानाचार्य को गिरफ्तार किया गया था.
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने मंगलवार को छात्राओं और अधिकारियों से मुलाकात की. बैठक के बाद डिंडोरी के पुलिस अधीक्षक संजय सिंह ने बताया कि आरोपित प्रधानाध्यापक के खिलाफ अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति अधिनियम के तहत मामला नहीं दर्ज करने और आरोपी को रिहा करने पर समनापुर थाना प्रभारी विजय पाटले को निलंबित कर दिया गया है.
अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से सिलसिलेवार ट्वीट कर कानूनगो ने कहा कि जिस संगठन में बच्चों का कथित रूप से यौन शोषण किया गया, वह सरकार से धन प्राप्त कर रहा था. उन्होंने कहा कि एक ही परिसर में चार अलग-अलग छात्रावासों के नाम पर सरकारी पैसा लिया जा रहा था और बच्चों से फीस भी वसूली जा रही थी. उन्होंने दावा किया कि संस्थान में ‘धर्मांतरण के साक्ष्य’ भी मिले हैं.
कोतवाली थाना के प्रभारी सीके सिरामे ने कहा कि पुलिस ने गोंडवाना गणतंत्र पार्टी (जीजीपी) के 10 नेताओं के खिलाफ लोक सेवक के कर्तव्य के निर्वहन में बाधा डालने के आरोप में भी मामला दर्ज किया है. इससे पहले एसपी ने जानकारी दी थी कि 40 वर्षीय प्रिंसिपल और 35 वर्षीय अतिथि शिक्षक के खिलाफ चार मार्च की रात भारतीय दंड संहिता की धारा 354 (महिला के सम्मान को चोट पहुंचाने के इरादे से उस पर हमला या आपराधिक बल प्रयोग), यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम और किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया.
एसपी ने बताया कि स्कूल के ‘केयरटेकर’ 40 वर्षीय पादरी पर लड़कियों की शिकायतों को नजरअंदाज करने का मामला दर्ज किया गया है जबकि नन (55) पर लड़कियों की पिटाई का आरोप लगाया गया है. अभी केवल प्रधानाध्यापक को गिरफ्तार किया जा सका है.