कलेक्टर श्री विनय कुमार लंगेह के मार्गदर्शन में जिले में सड़क एवं सड़क जैसी परिस्थितियों में निवासरत बच्चों के सर्वेक्षण, रेस्क्यू एवं पुनर्वास हेतु विशेष अभियान चलाया जा रहा है। जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग के नेतृत्व में गठित रेस्क्यू टीम द्वारा हॉट स्पॉट का चिन्हाकंन किया गया जिसमें देखरेख एवं संरक्षण हेतु चयनित बच्चों को सहायता प्रदान किया जा रहा है। जिला बाल संरक्षण अधिकारी ने बताया कि कार्यवाही के दौरान 05 मार्च को टास्क फोर्स टीम जिसमें महिला एवं बाल विकास विभाग, जिला बाल संरक्षण इकाई, विशेष किशोर पुलिस इकाई, श्रम विभाग एवं चाईल्ड लाईन के द्वारा विभिन्न स्थानों पर कुल 38 बच्चों का चिन्हांकन किया गया। बच्चों के शिक्षा, स्वास्थ्य, श्रम पजीयन, आधार कार्ड, जाति प्रमाण पत्र एवं स्पांन्सरशीप का लाभ दिये जाने हेतु कार्यवाही सुनिश्चित किया जाना है, कार्यक्रम के अगले क्रम में लगातार बच्चों के चिन्हांकन का कार्य जारी है।
उल्लेखनीय है कि अभियान के अंतर्गत अपशिष्ट संग्रहण, भिक्षावृत्ति एवं बाल श्रम में लिप्त बच्चों का चिन्हांकन किया जाना हैं। इस कार्य हेतु जिले के चिन्हांकित हॉट स्पॉट क्षेत्र पटना मार्केट, बसोरपारा, चितमारपारा, मुरमा, कटकोना, खाडीपारा, सलका, बैकुण्ठपुर चरचा, घुटरीपारा बैकुण्ठपुर घड़ी चौक, मनेन्द्रगढ़, लालपुर, चिरमिरी, केराडोल भैसादफाई, पोड़ी खडगवां, दुबछोला, ठंग्गांव नगरी क्षेत्र चरचा में झुग्गी-झोपड़ियों एवं बाल श्रमिक बच्चों की पहचान के लिए उद्योग कारखानों प्रतिष्ठानों में श्रम विभाग के साथ टीम बनाकर कार्यवाही किया जाना है।बच्चों की पहचान होने पर बच्चों की सामाजिक पृष्ठभूमि तैयार करते हुये बाल कल्याण समिति में बच्चों को प्रस्तुत करना एवं बच्चों को शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषण आहार का लाभ दिया जाना हैं। साथ ही ऐसे परिवारों को रोजगार मूलक योजनाओं से जोड़ा जाना है। यह अभियान निरंतर नगरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में चलाया जाना है। जिला बाल संरक्षण अधिकारी ने जिले के जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों, कर्मचारियों एवं आम नागरिकों से अपील किया है कि इस प्रकार के बच्चे दिखने पर चाईल्ड लाईन टोल फ्री नम्बर 1098 पर सम्पर्क कर सकते है।