मंत्री श्रीमती भेंड़िया ने महिला सुरक्षा एवं पोषण जागरूकता पर
कार्यशाला का किया शुभारंभ
पोषण, स्वास्थ और महिला अधिकारों के प्रति किया गया जागरूक
छत्तीसगढ़ के 10 आकांक्षी जिलों में बालिकाओं को स्वास्थ्य संबंधी देखभाल और उन्हें पूरक-पोषण आहार उपलब्ध कराने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा जल्द ही पहल की जाएगी। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना को राज्य के सभी जिलों में विस्तारित करने की भी योजना है। महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती अनिला भेंड़िया ने आज यहां अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर आयोजित महिला सुरक्षा एवं पोषण जागरूकता कार्यशाला को सम्बोधित कर रहीं थी। उन्होंने कहा कि आकांक्षी जिलों में अब 14 से 18 वर्ष की बालिकाओं को स्वास्थ्य संबंधी देखभाल की जानकारी के साथ-साथ इन बालिकाओं को पूरक पोषण आहार भी दिया जाएगा।
महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा राजधानी रायपुर के साइंस कॉलेज परिसर स्थित पंडित दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में महिला सुरक्षा और पोषण जागरूकता विषय पर आयोजित कार्यशाला में महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती भेंड़िया ने कहा कि महिलाओं के अधिकारों के संरक्षण और उनके सशक्तिकरण की दिशा में लगातार काम किया जा रहा है और इसे और अधिक गति देने के प्रति राज्य सरकार संकल्पित है। उन्होंने कहा कि कार्यशाला में महिलाओं को आत्मरक्षा के तरीके सिखाए गए हैं, जिसे सभी महिलाओं को सिखाएं। महिला दिवस सिर्फ एक दिन न होकर हर दिन हो। परेशानी होने पर महिलाएं विभाग द्वारा सभी जिलों में संचालित सखी सेंटर में जा सकती हैं। श्रीमती भेंड़िया ने अनुरोध किया कि राजधानी के बीटीआई ग्राउंड में आयोजित महिला मंड़ई में जाकर छत्तीसगढ़ की महिला समूह और उद्यमियों का सभी उत्साह और हौसला बढ़ाएं।
महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती आनिला भेड़िया ने कार्यक्रम का दीप प्रज्वलन कर शुभारंभ किया। इस अवसर पर संसदीय सचिव श्रीमती रश्मि सिंह, संजारी बालोद विधायक श्रीमती संगीता सिन्हा, धरसींवा विधायक श्रीमती अनिता योगेन्द्र शर्मा, पंडरिया विधायक श्रीमती ममता चन्द्राकर, छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक और छत्तीसगढ़ बाल संरक्षण आयोग की सदस्यगण श्रीमती आशा यादव और श्रीमती पुष्पा पाटले भी उपस्थित थीं।
महिला एवं बाल विकास विभाग की संचालक श्रीमती दिव्या मिश्रा ने बताया कि इस साल अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की थीम “डिजिट ऑलः लैंगिक समानता के लिए नवाचार और प्रौद्योगिकी” है। उन्होंने कहा कि हर महिला की भागीदारी सुनिश्चित करते हुए सभी क्षेत्रों में महिलाओं का विकास बढ़ाना विभाग की प्राथमिकता है। महिलाएं स्वयं सिद्धा बनें। हर महिला में सक्षम बनने की क्षमता है।
कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ी कलाकार गरिमा दिवाकर घरेलू हिंसा विषय पर नृत्य नाटिका के माध्यम से प्रस्तुति दी। साथ ही पद्मश्री श्री अनुज शर्मा के सुमधुर गीतों पर महिला जनप्रतिनिधि सहित छात्र-छात्राएं भी जमकर थिरके। कराटे एक्सपर्ट श्रीमती हर्षा साहू ने महिलाओं को आत्मरक्षा के गुर सिखाये। सत्य साई हॉस्पिटल की डॉक्टर श्रुति प्रभु, यूनिसेफ की डॉक्टर अपर्णा देशपांडे और डॉ. महेन्द्र प्रजापति ने किशोरी बालिका एवं स्वास्थ्य और पोषण पर विस्तृत जानकारी दी। इसके साथ ही साइबर एक्सपर्ट श्रीमती मोनाली गुहा ने साइबर सुरक्षा के बारे में बताते हुए छात्र छात्राओं के प्रश्नों का समाधान किया। बड़ी संख्या में छात्र-छात्राओं ने सोशल मीडिया और इंटरनेट के माध्यम से हो रहे धोखाधड़ी और अपराध के संबंध में प्रश्न पूछे। कार्यशाला में छात्राओं का रक्त और बीएमआई परीक्षण कर एनीमिया की दवा का वितरण भी किया गया। इस अवसर पर विभागीय अधिकारी, यूनिसेफ के प्रतिनिधि और विभिन्न महाविद्यालयों के छात्र-छात्राएं बड़ी संख्या में मौजूद थी।