कांग्रेस के तीन दिवसीय महाधिवेशन के आखिरी दिन रविवार को पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा के अनुभवों को साझा किया.
रायपुर:
कांग्रेस के तीन दिवसीय महाधिवेशन के आखिरी दिन पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी का संबोधन हो रहा है. राहुल ने इस दौरान भारत जोड़ो यात्रा के अपने अनुभवों को भी साझा किया. राहुल ने कहा- मैंने कन्याकुमारी से श्रीनगर तक भारत जोड़ो यात्रा हमने की. भले ही वीडियो में आपने मेरा चेहरा देखा हो, लेकिन असल में हमारे साथ लाखों लोग चले. हर मौसम बारिश, गर्मी और बर्फ में हम सब एकसाथ चले. पंजाब में एक मैकेनिक आकर मुझसे मिला, तब मैंने उसके हाथ पकड़े और उसकी सालों की तपस्या, उसका दर्द और दुख मैंने पहचान लिया. हम सत्याग्रही हैं और भाजपा-आरएसएस वाले ‘सत्ताग्रही’ हैं.
इस दौरान जैसे ही मैं लाखों किसानों से हाथ मिलाता था, उन्हें गले लगता था एक ट्रांसमिशन सा हो जाता था. शुरुआत में बोलने की जरूरत होती थी कि क्या करते हो, कितने बच्चे हैं और क्या- क्या मुश्किलें हैं. एक-डेढ़ महीना ये चला और उसके बाद बोलने की जरूरत नहीं पड़ती थी. लेकिन जैसे ही हाथ पकड़ा, गले लगे उनका दर्द एक सेकेंड में समझ आ जाता था. जो मैं उनसे कहना चाहता था, बिना कुछ बोले वो खुद ही समझ लेते थे.’ इसी के साथ राहुल ने कहा कि 52 साल हो गए मेरे पास घर नहीं. रोज सोचता था कि कैसे 3500 किसी चलूंगा लेकिन शुरुआती 15 दिन में मेरी सोच बदल गई. अपनी यात्रा के दौरान मुझे देश देखने को मिला. मैंने इस यात्रा से बहुत कुछ सीखा.