इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर में संचालित कैरियर डेव्हलपमेंट सेन्टर द्वारा भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, राष्ट्रीय कृषि उच्च शिक्षा परियोजना (NAHEP), भारतीय कृषि प्रबंधन अकादमी (NAARM), के सहयोग से कृषि छात्रों के लिए ‘‘कैरियर काउंसलिंग एवं व्यक्तित्व विकास पर परिसंवाद श्रृंखला’’ का आयोजन किया जा रहा है। इस परिसंवाद श्रंृखला के तहत 16 से 23 फरवरी, 2023 तक विद्यार्थियों के कैरियर काउंसलिंग एवं व्यक्तित्व विकास पर विभिन्न विषयों पर प्रति दिन अपरान्ह 03 बजे से विषय विशेषज्ञों द्वारा व्याख्यान दिया जाएगा।
उक्त छह दिवसीय परिसंवाद श्रंृखला का आज कृषि महाविद्यालय रायपुर में मुख्य अतिथि के रूप में इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के निदेशक प्रक्षेत्र एवं बीज डॉ. एस.एस. टुटेजा द्वारा उद्घाटन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कृषि महाविद्यालय रायपुर के अधिष्ठाता डॉ. जी.के. दास ने की। इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में अधिष्ठाता छात्र कल्याण डॉ. संजय शर्मा उपस्थित थे। परिसंवाद श्रृखला के प्रथम दिन आज ‘‘खेलकूद से स्वस्थ समाज का निर्माण’’ विषय पर आयोजित परिसंवाद के मुख्य वक्ता पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय, रायपुर के शारीरिक शिक्षा विभाग के प्राध्यापक एवं विभागाध्यक्ष डॉ. सी.डी. अगासे थे। इस परिसंवाद श्रृंखला में शामिल होने के लिए प्रतिभागी गूगल फॉम लिंकhttp://forms.gle/yEr3eXCF39Gcjh9s9पर जाकर अपना पंजीयन करा सकते हैं। पंजीकृत प्रतिभागियों को ई-प्रमाण पत्र भी प्रदान किया जाएगा। इस छह दिवसीय कार्यक्रम का यूट्यूब पर भी लाईव टेलीकास्ट किया जा रहा है। इस छह दिवसीय परिसंवाद श्रंृखला का आयोजन इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल के कुशल मार्गदर्शन मंे किया जा रहा है।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. एस.एस. टुटेजा ने कहा कि नार्म के दो श्रेष्ठ केन्द्रों में इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर एक है। उन्होंने इस छह दिवसीय परिसंवाद श्रृंखला के विषयो – खेल-कूद से स्वस्थ समाज का निर्माण, रोजगार के भावी स्वरूप पर आधारित कौशल विकास, स्थायी विकास में विश्वशांति की भूमिका, योग एवं आयुर्वेद आधारित युवा विकास, लाकतंत्र में युवाओं की भागीदारी तथा जलवायु परिवर्तन के दौर में स्थायी विकास विषयों के बारे में छात्रों को बताया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए अधिष्ठाता कृषि महाविद्यालय रायपुर डॉ. जी.के. दास ने कहा कि स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क होता है। उन्होंने फुटबॉल खिलाडी का उदाहरण देते हुए कहा कि ऐसे खिलाड़ी आसानी से त्वरित निर्णय लेते हैं। अधिष्ठाता छात्र कल्याण डॉ. संजय शर्मा ने कहा कि प्रतिस्पर्धा के इस युग में स्वस्थ शरीर का होना आवश्यक है।
सेमिनार श्रृखला में पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय, रायपुर के शारीरिक शिक्षा विभाग के प्राध्यापक एवं विभागाध्यक्ष डॉ. सी.डी. अगासे ने कहा कि सायकल से थकने पर मोटर सायकल खरीदी, फिर आराम के कार खरीदी, फिर मोटापा आया, फिर व्यायामशाला प्रारंभ की ऐसा होने से हमारी दिनचर्या समस्या का रूप ले रही है। उन्होंने आगे कहा कि प्रकृति ने अच्छा स्वस्थ शरीर महत्वपूर्ण उपहार दिया है, जिसके लिए हमें शरीर को सजग होकर संभालकर रखना चाहिए। इस 6 दिवसीय परिसंवाद श्रृखला के कार्यक्रम समन्वयक डॉ. आर.आर. सक्सेना, डॉ. अकरम खान, डॉ. जितेन्द्र सिन्हा, डॉ. रामा मोहन सावू शुभा बैनर्जी, डॉ. दीप्ति झा, डॉ. हर्ष पौराणिक, डॉ. रवि श्रेय, डॉ. आर.के. ठाकुर, सुश्री कल्पना बैनर्जी हैं। कार्यक्रम का संचालन डॉ. शुभा बैनर्जी तथा कार्यक्रम अंत में आभार प्रदर्शन डॉ. दीप्ति झा ने किया। इस अवसर पर विभिन्न विभागों के प्राध्यापक, वैज्ञानिक एवं बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।