अब डायलिसिस सुविधाओं का होगा विस्तार, कुपोषित बच्चों को मिलने लगे पोषण पुनर्वास केन्द्र का लाभ
कलेक्टर श्री जनमेजय महोबे ने जिला अस्पताल का अकास्मिक निरीक्षण किया और सुधार कार्यों का अवलोकन किया
कवर्धा जिला अस्पताल में निःशुल्क डायलिसिस की सुविधा शुरू होने से डायलिसिस कराने रायपुर और बिलासपुर जाने वाले मरीजों को बहुत राहत मिल रही है। ऐसे मरीजों और उनके परिजनों का समय और धन दोनांें की बचत हो रही है। अब तक 21 मरीजों को लगभग सात सौ डायलिसिस का सेशन हो चुका है। अब इन सुविधाओं का विस्तार किया जाएगा। इसी प्रकार जिला अस्ताल परिसर में कुपोषण की बीमारी से जुझ रहे बच्चों का पोषण पुनर्वास केन्द्र में बेहतर उपचार की सुविधाएं भी मिल रही है।
कलेक्टर श्री जनमेजय महोबे ने जिला अस्पताल का अकास्मिक निरीक्षण किया। कलेक्टर ने अस्पताल परिसर में संचालित डायलिसिस सेंटर का अवलोकन किया और वहां उपचार कराने आए मरीजों से बातचीत की और डायलिसिस की सुविधाओं के बारें में फिडबैक भी लिए। डायलिसिस कराने आए शिव शंकर चन्द्रवंशी ने जिला अस्पताल परिसर में निःशुल्क डायलिसिस की सुविधा शुरू कराने के लिए मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल और कैबिनेट मंत्री श्री मोहम्मद अकबर के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने बताया कि जिले में डायलिसिस की सुविधाएं शुरू नही होने से पहले जिले के मरीज रायपुर और बिलासपुर के डायलिसिस सेंटर पर आश्रित होते थे। इससे ऐसे मरीजों को समय और धन दोनों नुकसान होता था। अब यह सुविधा कवर्धा में शुरू होने से जरूरतमंद मरीजों के लिए संजीवनी साबित हो रही है। उन्हांेने कलेक्टर श्री महोबे से डायलिसिस की और बेड बढ़ाने के लिए अनुरोध किया है। कलेक्टर ने सिविल सर्जन डॉ. एम.के. सुर्यवंशी को संसाधन बढ़ाने के लिए वर्क प्लान बनाने के निर्देश दिए है।
कलेक्टर श्री महोबे ने पोषण पुनर्वास केन्द्र को अवलोकन किया और वहां भर्ती बच्चों और उनके अभिभावकों से चर्चा की। उन्हांेने महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारी श्री आनंद तिवारी निर्देशित करते हुए कहा कि कुपोषण और औसत वजन से कम वाले आंगनबाड़ी के बच्चों को इसका लाभ मिलना चाहिए। उन्होेंने सेक्टर वार औसत से कम वजन वाले बच्चों की सुची तैयार करने और उन्हे पोषण पुनर्वास केन्द्र का लाभ पहुंचाने के लिए निर्देशित किया। उन्होने शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. सलिल मिश्रा से चर्चा करते हुए पोषण पुनर्वास केन्द्र की पूरी जानकारी ली। कलेक्टर ने अस्पताल के अकास्मिक निरीक्षण के दौरान परिसर के सर्जिकल वार्ड, ओपीडी सेक्शन सहित पूरे परिसर का अवलोकन किया। कलेक्टर ने अस्पताल परिसर में मरीजों की सुविधाओं के लिए चल रहे सुधार कार्यों का भी अवलोकन किया और लोक निर्माण विभाग के अधिकारी को कार्यों गुणवत्ता से साथ पूरा करने के निर्देश दिए। निरीक्षण के दौरान मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ सुजॉय मुखर्जी सहित अन्य चिकित्सक उपस्थित थे।