सूरजपुर : विश्व मानव अधिकार दिवस के अवसर पर विधिक जागरूकता कार्यक्रम का हुआ आयोजन

विश्व मानव अधिकार दिवस के अवसर पर शासकीय रेवती रमण मिश्र महाविद्यालय सूरजपुर में माननीय जिला न्यायाधीश, अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सूरजपुर, श्री गोविन्द नारायण जांगड़े जी के मार्गदर्शन में विशेष विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम में जिला एवं सत्र न्यायालय सूरजपुर से श्रीमती सुषमा लकडा, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सूरजपुर, श्री असलम खान, व्यवहार न्यायाधीश वर्ग-1, श्री पुनीत तिग्गा, यवहार न्यायाधीश वर्ग-2, श्री अजय लकडा, यवहार न्यायाधीश वर्ग-2 एवं श्री प्रवीण कुजूर, यवहार न्यायाधीश वर्ग-2 वहीं महाविद्यालय से प्राचार्य श्री एच.एन. दूबे एवं समस्त प्रोफेसर/शिक्षकगण कार्यक्रम में उपस्थित रहे। महाविद्यालय परिवार की ओर से उपस्थित सभी न्यायाधीशगणों को पुष्प गुच्छ भेट कर कर स्वागत किया गया। महाविद्यालय के राजनीति शास्त्र विभाग की ओर से मानवाधिकार विषय पर आयोजित भाषण प्रतियोगिता के चयनित विद्यार्थियों के भाषण के साथ कार्यक्रम की शुरुआत की गई उक्त प्रतियोगिता में प्रथम स्थान आईशा खातुन, एम.ए.तृतीय वर्ष, द्वितीय स्थान शिवादित्य
सिंह बी.एससी. तृतीय वर्ष, तृतीय स्थान प्रीति सिंह एम.ए. तृतीय वर्ष एवं सांत्वना हेतु आईफा खातुन का चयन किया उक्त चयनित चारों  प्रतिभागियों को न्यायाधीषगण के हाथों से प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया। कार्यक्रम में श्री असलम खान, व्यवहार न्यायाधीश वर्ग-1 ने अपने उद्धबोधन में भाषण प्रतियोगिता में भाग लिए विद्यार्थियों का हौसला बढ़ाते हुए राष्ट्रीय मानव अधिकार दिवस मनाने के उद्देश्य के बारे में जानकारी देते हुए कहा मानवा अधिकार आयोग का उद्धेष्य शांति और सुरक्षा प्रदान करना है, स्वतंत्र जीवन जीने के लिए अधिकारों का होना जितना आवश्यक है उतना ही आवश्यक है अपने अधिकारों व कर्तव्यों को जानना एवं अपने जीवन में कर्तव्यों का अनुशरण करना। अनजाने में अगर हमसे कोई अपराध घटित हो जाती है तो हम यह नही कह सकते की हमें कानून की कोई जानकारी नही थी यह अपराध अनजाने में हुआ है अपराध घटित हुआ है तो अपराध के लिए बने सजा के प्रावधान अनुसार आप सजा के हकदार है आप पर कानूनी कार्यवाही होगी। उन्होने आगें चोरी के अपराध के लिए बने सजा के प्रावधान की जानकारी देते हुए भारतीय संविधान के मौलिक अधिकार से संबंधित सामान्य प्रश्नोत्तर बच्चों से पुछे। श्री प्रवीण कुजूर, व्यवहार न्यायाधीश वर्ग-2 ने अपने उद्धबोधन में मानव अधिकार दिवस की बधाई देते हुए कहा आज का दिन बहुत ही महत्वपूर्ण ऐतिहासिक दिन है मानव जीवन के लिए मानव अधिकार का होना बहुत ही महत्वपूर्ण है हमारे भारतीय संविधान के अनुच्छेद 51 ए में मौलिक कर्तब्यों के बारे में विस्तार से बताया गया है। जो हर एक विद्यार्थी को जानना चाहिए। उन्होने आगे मोटर व्हीकल एक्ट के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान की। प्राचार्य श्री एच.एन. दूबे ने अपने उद्धबोधन में उपस्थित न्यायाधीशणों को आभार व्यक्त करते हुए कहा विधि की सामान्य जानकारी हर विद्यार्थी को होना ही चाहिए बहुत बार ऐसा होता की अनजाने अपराध घटित हो जाती है तो आप यह कह कर नहीं बच सकते की हमें कानून की जानकारी नहीं थी, अगर आप के द्वारा अपराध घटित होता है तो उक्त अपराध के लिए आप को सजा भी दी जाएगी, इसलिए कानून की जानकारी हर विद्यार्थी को होना चाहिए। उक्त कार्यक्रम का संचालन महाविद्यालय के प्रोफेसर श्री ब्रीज लाल साहू जी द्वारा किया गया। वहीं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सूरजपुर के मार्गदर्शन में शा.उ.मा.वि. लटोरी, शा.उ.मा.वि. सिलफिली, शा.उ.मा.वि. कन्दरई, शा.बालिका उ.मा.वि. विश्रामपुर, शा.बालिका उ.मा.वि. सूरजपुर एवं शा.बालक उ.मा.वि. सूरजपुर में लीगल लिट्रेसी क्लब संचालित हैं उक्त सभी विद्यालयों में विश्व मानव अधिकार दिवस के अवसर पर जागरूकता कार्यक्रम के साथ विभिन्न प्रतियोगिताएं आयोजित की गई हैं।

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