G20 की अध्‍यक्षता भारत के लिए दुनिया को अपनी क्षमता दिखाने का मौका : सर्वदलीय बैठक में PM मोदी

नई दिल्‍ली : 

भारत की जी20 अध्यक्षता समूचे राष्ट्र के लिए है, यह दुनिया को अपनी ताकत दिखाने का एक अनूठा अवसर है. यह विचार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को यहां एक सर्वदलीय बैठक में व्‍यक्‍त किए.  पीएम मोदी ने कहा कि भारत की जी20 अध्यक्षता पर्यटन और स्थानीय अर्थव्यवस्था के लिए बड़े अवसर लेकर आई है. इस मौके पर प्रधानमंत्री ने टीम वर्क के महत्व पर जोर दिया और जी-20 के विभिन्न कार्यक्रमों के आयोजन में सभी से सहयोग मांगा.

प्रधानमंत्री ने कहा कि जी -20 की अध्यक्षता, देश के विभिन्न क्षेत्रों की विशिष्टता को सामने लाते हुए पारंपरिक बड़े महानगरों से परे भारत के कुछ हिस्सों को प्रदर्शित करने में मददगार साबित होगी. विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि भारत द्वारा दुनिया की 20 प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के समूह जी-20 की अध्यक्षता संभालने पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज भारत के प्रति वैश्विक जिज्ञासा और आकर्षण है, जो इस अवसर के महत्व को और बढ़ाता है.उन्होंने ‘टीम वर्क’ के महत्व पर जोर दिया और जी-20 के विभिन्न कार्यक्रमों के आयोजन में सभी नेताओं से सहयोग मांगा. मोदी ने कहा कि जी-20 की अध्यक्षता भारत के विभिन्न हिस्सों को प्रदर्शित करने में मदद करेगी, जिससे देश के अलग-अलग क्षेत्रों की विशिष्टता सामने आएगी.

साल भर के विभिन्न कार्यक्रमों के दौरान बड़ी संख्या में आगंतुकों के भारत आने की संभावना का उल्लेख करते हुए मोदी ने पर्यटन को बढ़ावा देने और उन स्थानों की स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने पर जोर दिया, जहां जी-20 बैठकें आयोजित की जाएंगी.बयान में कहा गया है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष जे पी नड्डा, कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की ममता बनर्जी, बीजू जनता दल (बीजद) के नवीन पटनायक ने बैठक को संबोधित किया.

बयान के अनुसार, आम आदमी पार्टी (आप) के अरविंद केजरीवाल, वाईएसआर कांग्रेस के जगनमोहन रेड्डी, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के सीताराम येचुरी, तेलुगू देशम पार्टी के एन चंद्रबाबू नायडू और द्रमुक के एम के स्टालिन सहित अन्य दलों के नेताओं ने भी बैठक को संबोधित किया.बयान के अनुसार, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी बैठक में शिरकत की. भारत की जी-20 प्राथमिकताओं के पहलुओं को विस्तार से बताते हुए एक विस्तृत प्रस्तुति भी दी गई. पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवगौड़ा, केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, एस जयशंकर, पीयूष गोयल, प्रह्लाद जोशी और भूपेंद्र यादव भी बैठक में शामिल हुए.

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