ओवैसी के काफिले पर गोली चलाने वाले आरोपियों की जमानत खारिज, हफ्तेभर में सरेंडर करने का निर्देश

घटना के बाद दूसरी गाड़ी से दिल्ली पहुंचे ओवैसी ने बताया था, ‘मेरठ और किठौर में मेरा रोड शो था। जब मैं लौट रहा था तो मेरी कार पर गोलियां चलाई गईं। किसी तरह मेरी कार तेजी से आग निकल गई।’

सुप्रीम कोर्ट ने AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी की गाड़ी पर गोली चलाने वाले दोनों आरोपियों की जमानत रद्द कर दी है। इससे पहले इलाहाबाद हाई कोर्ट से जमानत मिलने के बाद दोनों आरोपी जेल से रिहा हो गए थे। SC ने आरोपियों को आज से एक हफ्ते के अंदर जेल अथॉरिटी के सामने सरेंडर करने का निर्देश दिया। इसके साथ ही टॉप कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट से सबूतों को ध्यान में रखते हुए आरोपियों की जमानत याचिका पर नए सिरे से विचार करने के लिए कहा।

जस्टिस एम आर शाह और जस्टिस एम एम सुंदरेश की पीठ ने कहा कि हाई कोर्ट ने जमानत देते हुए कोई कारण नहीं बताया। एससी ने उच्च न्यायालय को दोनों आरोपियों की जमानत अर्जियों पर आत्मसमर्पण की तारीख से 4 सप्ताह के भीतर फैसला करने को कहा। इस केस में संलिप्तता के मामले में सचिन शर्मा, शुभम गुर्जर और आलिम को गिरफ्तार किया था। शीर्ष अदालत ने सितंबर में तीसरे आरोपी आलिम को दी गई जमानत को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया था।

यूपी चुनाव में टोल प्लाजा के पास हुआ था हमला
इससे पहले सितंबर में असदुद्दीन ओवैसी ने हमले के मुख्य आरोपी और उसके साथी समेत अन्य की जमानत रद्द कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। 2022 में यूपी चुनाव के दौरान ओवैसी के काफिले पर हमला हुआ था। AIMIM प्रमुख जब यूपी विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान हापुड़ टोल प्लाजा से गुजर रहे थे, तभी दोनों आरोपियों ने उन पर गोलियां बरसाईं थीं। इस हमले में ओवैसी बाल-बाल बच गए थे।

हमले का सीसीटीवी फुटेज आया था सामने
हमले का सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया था, जिसमें दोनों आरोपी गोली चलाते नजर आ रहे थे। हमला करने वाले दोनों आरोपियों में से एक को मौके से ही गिरफ्तार कर लिया गया था। दूसरे आरोपी ने सरेंडर किया था। मामले में पुलिस ने 307 के तहत मामला दर्ज किया था और अदालत में चार्जशीट दाखिल की थी।

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