जिले में एक स्थानीय पत्रकार के भाई का माओवादियों ने शुक्रवार अपहरण कर लिया था और बुधवार को पुलिस का मुखबिर होने के शक के आधार पर उसकी हत्या कर दी। पहले भी हो चुकी हैं ऐसी घटनाएं।
छत्तीसगढ़ के दो अलग-अलग जिलों में पिछले दो दिनों में माओवादियों ने पुलिस के मुखबिर होने के शक में दो लोगों की हत्या कर दी। पुलिस ने बताया कि पिछले दो दिनों में दो हत्याएं हुई हैं। दोनों दत्याएं पुलिस का मुखबिर होने के शक के आधार पर माओवादियों द्वारा की गई है। पहला मामला बीजापुर जिले का है। जिले में एक स्थानीय पत्रकार के भाई का माओवादियों ने शुक्रवार अपहरण कर लिया था और बुधवार को पुलिस का मुखबिर होने के शक के आधार पर उसकी हत्या कर दी।
परिवार वालों ने नहीं दर्ज कराई रिपोर्ट
बस्तर रेंज के आईजी, सुंदरराज पी ने बताया कि, ” बसंत झाड़ी को माओवादियों ने शुक्रवार को अपहृत कर लिया था, बुधवार को छत्तीसगढ़-तेलंगना बॉर्डर पर कोटापल्ली गांव में उसकी हत्या कर दी गई है।”अधिकारियों ने बताया कि पीड़ित छत्तीसगढ़ सरकार में स्टेट रिनेवेबल इनर्जी डिपार्टमेंट (CREDA) का कर्मचारी था। आईजी ने यह भी बताया कि पीड़ित स्थानीय पत्रकार का भाई था। उन्होंने कहा कि,” मामले की हम ज्यादा जानकारी जुटा रहे हैं, लेकिन अभी तक परिवार के लोगों ने पुलिस में शिकायत नहीं दर्ज कराई है, बुधवार को ही गांव के जंगल में पीड़ित का अंतिम संस्कार कर दिया गया।”
पहले भी हो चुकी हैं घटनाएं
इसी तरह छत्तीसगढ़ में नए बने जिले मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी में माओवादियों ने एक 32 वर्षीय शख्स की हत्या कर दी थी। पुलिस के अनुसार मंगलवार को हथियार बंद माओवादियों के एक समूह ने एक शख्स की 15 अक्टूबर को गोली मारकर हत्या कर दी थी। बुधवार को उसकी लाश मिली। माओवादियों ने बस्तर के बीजापुर में दो लोगों की हत्या कर दी थी। माओवादियों को शक था कि उसका भाई पुलिस की मुखबिर था