इसके कारण सिंगापुर में कोविड मामलों की संख्या में तेजी से वृद्धि हुई है और अब भारत में भी पाया गया है। यही वेरिएंट अब महाराष्ट्र, केरल और अन्य राज्यों में कोविड के मामलों में वृद्धि का कारण बन रहा है।
देश में कोरोना की पहली और दूसरी लहर के दौरान सबसे ज्यादा प्रभावित रहने वाले राज्य महाराष्ट्र में XBB सब-वेरिएंट के कई मामले सामने आए हैं। महाराष्ट्र में अक्टूबर के पहले पखवाड़े में ओमिक्रॉन के एक्सबीबी सब-वेरिएंट के कम से कम 18 मामले सामने आए हैं। राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने बुधवार को यह जानकारी दी। एक स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि इनमें से 13 मामले पुणे से, दो-दो मामले नागपुर और ठाणे से तथा एक मामला अकोला जिले से सामने आया। उन्होंने कहा, ‘‘आईएनएसएसीओजी लैब की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, राज्य में अक्टूबर के पहले पखवाड़े में एक्सबीबी वेरिएंट के 18 मामले दर्ज किए गए हैं।’’
इन मामलों के अलावा पुणे में BQ.1 और B.A.2.3.20 सब-वेरिएंटों का एक-एक मामला भी दर्ज किया गया है। ये मामले 24 सितंबर से 11 अक्टूबर के बीच आए। प्रारंभिक सूचना के अनुसार, सभी मामलों में हल्के लक्षण देखे गए। इन 20 मामलों (एक्सबीबी के 18 और बीक्यू.1 और बीए.2.3.20 का एक-एक मामला) में से 15 मामलों में मरीजों ने कोविड-19 रोधी टीके की खुराक ली है जबकि बाकी के पांच मामलों की जानकारी अभी नहीं मिली है। पुणे में आया बीक्यू.1 स्वरूप के मामले में मरीज ने अमेरिका की यात्रा की थी। रिपोर्ट के अनुसार, ‘‘आनुवंशिक उत्परिवर्तन वायरस के प्राकृतिक जीवन चक्र का हिस्सा हैं और इसे लेकर चिंतित होने की आवश्यकता नहीं है बल्कि कोविड की रोकथाम के लिए उचित एहतियात बरतनी चाहिए।’’
कितना खतरनाक है कोरोना का XBB सब-वेरिएंट?
XBB ओमिक्रॉन का सब-वेरिएंट है। इसने सिंगापुर में खूब लोगों को प्रभावित किया। Omicron का XBB वेरिएंट, BA.2.75 और BJ.1 का ही एक संयोजक वेरिएंट है। इसके कारण सिंगापुर में कोविड मामलों की संख्या में तेजी से वृद्धि हुई है और अब भारत में भी पाया गया है। यही वेरिएंट अब महाराष्ट्र, केरल और अन्य राज्यों में कोविड के मामलों में वृद्धि का कारण बन रहा है।
एक्सबीबी वेरिएंट में पिछले ओमिक्रॉन सब-वेरिएंट की तुलना में बहुत अधिक म्यूटेशन होने की सूचना मिली है। यह अब तक कई बार म्यूटेट हो चुका है और इसके खिलाफ पिछले संक्रमणों और टीकों के माध्यम से प्राप्त प्रतिरक्षा काम नहीं कर सकती है। इससे सिंगापुर में अस्पताल में भर्ती होने के मामले भी बढ़ रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि त्योहारी सीजन में लोगों को अधिक सावधान रहने की जरूरत है।
पूर्व-एम्स प्रमुख गुलेरिया ने दी चेतावनी
वरिष्ठ स्वास्थ्य विशेषज्ञ ने तेजी से फैल रहे ओमिक्रॉन स्ट्रेन के सब-वेरिएंटों के उद्भव के मद्देनजर सावधानी बरतने की अपील की है। एम्स, दिल्ली के पूर्व निदेशक डॉक्टर रणदीप गुलेरिया ने कहा, “नए वेरिएंट में उत्परिवर्तन (म्यूटेशन) की प्रवृत्ति है”। समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए उन्होंने कहा कि हालांकि, “अब स्थिति अलग है। पहले कोई टीकाकरण नहीं हुई था, लेकिन अब लोगों को टीका लग चुका है और वायरस के खिलाफ प्रतिरक्षा विकसित कर ली है।” उनके अनुसार, अस्पताल में भर्ती होने और आईसीयू में भर्ती होने की संभावना अब कम है।
गुलेरिया ने भी मास्क पहनने की सलाह दी है। इसके अलावा, उन्होंने उच्च जोखिम वाले समूहों जैसे बुजुर्गों से बाहर जाने से बचने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, “अगर आप बाहर जा रहे हैं और खासकर भीड़-भाड़ वाली जगहों पर, तो आपको मास्क पहनना चाहिए। उच्च जोखिम वाले समूहों, बुजुर्गों को बाहर जाने से बचना चाहिए क्योंकि इससे संक्रमण फैलने की संभावना अधिक होती है।”
मांडविया ने कोविड स्थिति की समीक्षा की, मास्क पहनने पर जोर दिया
इससे पहले केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने देश के कुछ हिस्सों से ओमिक्रॉन स्ट्रेन के नए सब-वेरिएंट के मामले सामने आने के बीच कोविड-19 संक्रमण की स्थिति की समीक्षा की। स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि बैठक में कहा गया कि मास्क पहनना और कोविड अनुकूल व्यवहार का पालन जारी रहना चाहिए।
इसमें कहा गया है कि सार्वजनिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों और अधिकारियों के साथ बैठक के दौरान मांडविया ने महामारी की स्थिति, टीकाकरण अभियान की स्थिति, कोविड के नए स्वरूपों के वैश्विक परिदृश्य की समीक्षा की।
बयान के अनुसार, मांडविया ने अधिकारियों को प्रवेश बिंदुओं पर निगरानी बनाए रखने का निर्देश दिया। उन्होंने कोविड के कारण अस्पतालों में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या और स्थिति पर करीबी नजर रखने तथा टीकाकरण की गति तेज करने को भी कहा।