आदमपुर उपचुनाव से पहले गुरमीत राम रहीम को पैरोल, 40 दिन बाहर रहेगा डेरा प्रमुख

हरियाणा के जेल मंत्री रंजीत सिंह ने 11 अक्टूबर पर आवेदन की जांच की थी। उन्होंने कहा था, ‘संबंधित अधिकारियों की तरफ से पैरोल एप्लिकेशन की जांच की गई है। कानून के हिसाब से फैसला लिया जाएगा।’

हरियाणा की सुनारिया जेल में कारावास की सजा काट रहे डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह की 40 दिन की पैरोल अर्जी स्वीकार कर ली गई है। आधिकारिक सूत्रों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। यह कदम आदमपुर विधानसभा उपचुनाव से ठीक पहले उठाया गया है। आदमपुर में तीन नवंबर को उपचुनाव होने हैं। इससे पहले, डेरा प्रमुख को जून में एक महीने की पैरोल पर रिहा किया गया था और फरवरी में उसकी तीन सप्ताह की फर्लो मंजूर की गई थी।

हरियाणा के जेल मंत्री रंजीत सिंह ने 11 अक्टूबर पर आवेदन की जांच की थी। उन्होंने कहा था, ‘संबंधित अधिकारियों की तरफ से पैरोल एप्लिकेशन की जांच की गई है। कानून के हिसाब से फैसला लिया जाएगा।’ डेरा प्रमुख फिलहाल रोहतक की सुनारिया जेल में बंद है। संभावनाएं जताई जा रही हैं कि सिरसा या राजस्थान में डेरा परिसर में रहेगा, जिसे लेकर तैयारियां पहले ही शुरू हो गई हैं।

पैरोल की कहानी
साल 2021 में राम रहीम तीन बार पैरोल पर बाहर आया। जबकि, साल 2022 में यह आंकड़ा दो बार हुआ। उस दौरान डेरा प्रमुख फरवरी में 21 दिन और जून महीने बाहर रहा। जेल अधिकारियों के अनुसार, वह 31 दिसंबर 2022 से पहले कम से कम 40 दिनों की पैरोल हासिल कर सकता है। अगर कोई अपराधी कैद में तय साल पूरे कर लेता है, तो वह एक साल में 90 दिनों के लिए जेल से बाहर रह सकता है।

गुरमीत राम रहीम डेरा के सिरसा स्थित मुख्यालय में अपने आश्रम पर दो महिला अनुयायियों से बलात्कार के दोष में 20 साल कारावास की सजा भुगत रहा है। उसे अगस्त 2017 में पंचकूला में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की एक विशेष अदालत ने दोषी ठहराया था। गुरमीत राम रहीम को 2002 में डेरा प्रबंधक रंजीत सिंह की हत्या की साजिश रचने के लिए भी पिछले साल चार अन्य लोगों के साथ दोषी ठहराया गया था। डेरा प्रमुख और तीन अन्य लोगों को 2019 में 16 साल से अधिक समय पहले एक पत्रकार की हत्या के मामले में भी दोषी करार दिया गया था।

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