जब ज्योतिषी से बोले मुलायम- अखिलेश के नाम से देखो मुहूर्त; चुपचाप यूं सौपी थी विरासत

चरखा दांव के लिए मशहूर रहे मुलायम सिंह यादव ने अखिलेश यादव का नाम अचानक बढ़ाकर सबको चौंका दिया था। लेकिन किसी ने भी अखिलेश यादव के नाम पर आपत्ति नहीं जताई। इस तरह उन्होेंने बेटे को विरासत सौंप दी।

मुलायम सिंह यादव अपनी जवानी के दिनों में अखाड़े में पहलवानी किया करते थे। कहा जाता है कि एक पहलवान भले ही अखाड़ा छोड़ दे, लेकिन उसका अंदाज कभी नहीं बदलता। उनका यही अंदाज सियासत में भी हमेशा बना रहा और कभी कोई यह नहीं जान पाता था कि मुलायम सिंह यादव का अगला दांव क्या होगा। 2012 में उन्होंने अखिलेश यादव को विरासत सौंपी और बहुमत मिलने पर सीएम बना दिया था। हालांकि उनके इस फैसले के बारे में पार्टी के अंदर और बाहर किसी को भी तब तक भनक नहीं लगी थी, जब तक उन्होंने इसके बारे में ऐलान नहीं किया था। उससे पहले यही माना जा रहा था कि सीएम मुलायम सिंह यादव ही होंगे और अखिलेश यादव को भी कहीं जगह दी जाएगी।

चरखा दांव के लिए मशहूर रहे मुलायम सिंह यादव ने अखिलेश यादव का नाम अचानक बढ़ाकर सबको चौंका दिया था। लेकिन किसी ने भी अखिलेश यादव के नाम पर आपत्ति नहीं जताई और इस तरह मुलायम सिंह ने वक्त रहते ही और अपने ताकत में रहने के दौरान ही बेटे को सियासी विरासत भी सौंप दी। कहा जाता है कि मुलायम सिंह यादव के इस फैसले के बारे में कोई नहीं जानता था। चुनाव का नतीजा आ गया था और सपा ने पहली बार पूर्ण बहुमत हासिल किया था। 223 सीटों पर जीत के बाद मुलायम सिंह यादव के चौथी बार सीएम बनने की चर्चाएं थीं, लेकिन अंत में मौका अखिलेश यादव को मिला।

दरअसल विजय मिलने के बाद एक ज्योतिषी से शपथ की तारीख निकलवाने का फैसला लिया गया। ज्योतिषी से जब मुलायम सिंह यादव ने मुलाकात की तो उनके नाम की तारीख निकाली गई। तभी मुलायम सिंह यादव ने धीरे से ज्योतिषी से कहा कि अखिलेश यादव के नाम से देखो। यही वह मौका था, जब सपा के नेताओं को भी पता चला कि मुलायम सिंह यादव बेटे अखिलेश यादव को ही सीएम बनाना चाहते हैं। इस तरह उन्होंने अपने दांव से सबको चौंका दिया और अपनी हनक रहते हुए ही बेटे को सियासी विरासत सौंप दी। कहा जाता है कि अखिलेश को कमान सौंपने की बात उन्होंने शिवपाल यादव, रामगोपाल यादव समेत तमाम पार्टी नेताओं और परिवार के सदस्यों से भी नहीं बताई थी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *