अक्टूबर माह का पखवारा शुरू होते ही मौसम में परिर्वतन दिखने लगा है। दो दिनों की बारिश के बाद से गुलाबी ठंड ने दस्तक दे दी है। शनिवार को न्यूनतम 22 और अधिकतम 24 डिग्री सेल्सियस तापमान रिकार्ड किया गया।
अक्टूबर माह का पखवारा शुरू होते ही मौसम में परिर्वतन दिखने लगा है। दो दिनों की बारिश के बाद से गुलाबी ठंड ने दस्तक दे दी है। शनिवार को न्यूनतम 22 और अधिकतम 24 डिग्री सेल्सियस तापमान रिकार्ड किया गया है। इससे सुबह और शाम में मौसम में नमी आ जाती है। जिसके कारण मौसम ठंडा हो जाता है। इस मौसम की आंख मिचौली में जरा सी लापरवाही चेहरे की रंगत उड़ा दे रही है।
मौसम में आए अचानक बदलाव से लोगों के सेहत पर फर्क पड़ने लगा है। पिछले सप्ताह जहां धूप में तपिश थी और लोगों के पसीने निकल रहे थे। रात में भी मौसम गर्म था। वहीं अचानक मौसम गोता लगाना शुरू कर दिया। पारा गिरने से नमी बढ़ गई और सिहरन शुरू हो गया है। सुबह और शाम की सिहरन बढ़ते हुए गुलाबी ठंड में तब्दील हो गई। सुबह और रात में तो लोगों को पंखे, कूलर और एसी भी बंद करने पड़ रहे हैं या फिर मोटे चादर या कंबल से शरीर ढकने पड़ रहे हैं। दिन के तापमान से रात के तापमान ने ज्यादा दूरी बढ़ा ली है। यही वजह है कि मौसम में ठंड महसूस किया जा रहा है। इसमें जरा सी लापरवाही लोगों के सेहत पर भारी पड़ रही है।
वायरल का खतरा बढ़ा
गुलाबी ठंड में सबसे ज्यादा सर्दी-जुखाम और वायरल फीवर का खतरा बढ़ जाता है। सुबह और शाम ठंड बढ़ने और लापरवाही से लोग इस बीमारी की जद में आ रहे हैं। ऐसे में इस चढ़ाव उतार वाले मौसम में लापरवाही न बरतें। इसमें सर्तक रहने की आवश्यकता है।
ऐसा है तो सावधान
– बार-बार छींक आना।
– बदन और हड्डियों में दर्द।
– तेज बुखार।
डाक्टर की सलाह
– शरीर को गीले कपड़े से पोंछे।
– ठंडे पानी और कूलर से बचें।
– गरम भोजन और पेय पदार्थ लें।
दिन-रात का फर्क बढ़ाएगा मर्ज
तापमान में दिन-रात का फर्क मरीजों का मर्ज बढ़ाने में सहायक सिद्ध हो रहा है। डाक्टरों के मुताबिक यह मौसम सेहत के लिहाज से बेहतर नहीं है। दिन में गर्मी और सुबह व शाम को ठंड मरीजों के लिए ही नहीं बल्कि स्वस्थ मनुष्य के लिए भी खतरनाक है। शरीर इस मौसम को ढाल नहीं पाता और बीमारी बढ़ जाती है।
बच्चों का रखें विशेष ख्याल
डीडीयू अस्पताल के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. केके शर्मा ने बताया कि उतार चढ़ाव वाले इस मौसम का असर सबसे अधिक बच्चों पर पड़ता है। क्योंकि इस मौसम में बच्चों को ढ़लने में वक्त लगता है। इन दिनों बच्चों को वायरल फीवर की शिकायत बढ़ी है। साथ ही बच्चे पेट दर्द से भी पीड़ित होते हैं। अभिभावकों को बदलते मौसम में बच्चों का विशेष ख्याल रखना चाहिए। बारिश में भीग जाएं तो बदन को जल्द से जल्द सुखाएं और गर्म रखने का प्रयास करें।