छत्तीसगढ़ में सत्ता वापसी करने भारतीय जनता पार्टी मिशन-2023 पर फोकस कर रही है। संगठन को बूथ स्तर तक मजबूत करने के साथ भूपेश बघेल सरकार को आक्रामक रूप से घेरने की रणनीति बनाई जा रही है।
छत्तीसगढ़ में सत्ता वापसी करने भारतीय जनता पार्टी मिशन-2023 पर फोकस कर रही है। संगठन को मजबूत करने के साथ भूपेश सरकार को आक्रामक रूप से घेरने की रणनीति बनाई जा रही है। धमतरी शहर से 14 किलोमीटर दूर गंगरेल बांध के किनारे सुरम्य वादियों में भाजपा के सांसदों, विधायकों, कोर ग्रुप के सदस्यों, प्रदेश अध्यक्ष, संभागीय अध्यक्षों और संगठन के कुछ नेताओं को बुलाया गया है। बैठक 6 अक्टूबर को बुलाई गई है। इस गोपनीय बैठक में मिशन 2023 को लेकर चर्चा कर आगे की सियासी रणनीति बनाई जाएगी। बैठक में भाजपा के क्षेत्रीय संगठन महामंत्री अजय जामवाल भी मौजूद रहेंगे।
सत्ता में वापसी के मंत्र पर सुबह 9 बजे से मंथन शुरू होगा। इस चिंतन बैठक में सालभर की कार्ययोजना बनेगी, वहीं जिलाध्यक्षों के साथ भाजयुमो और किसान मोर्चा की कार्यकारिणी में बदलाव पर भी चर्चा होने की बात कही जा रही है। प्रदेश सरकार के खिलाफ किए जाने वाले आंदोलनों को लेकर रणनीति बनाई जाएगी। बैठक में शामिल होने के लिए राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिव प्रकाश, प्रदेश के सहप्रभारी नितिन नवीन बुधवार देर शाम तक रायपुर पहुंच जाएंगे। क्षेत्रीय संगठन महामंत्री अजय जामवाल पहले ही पहुंच चुके हैं। बैठक में चुनिंदा नेताओं को ही बुलाया गया है।
जिलों के निष्क्रिय पदाधिकारी हटाए जाएंगे
भाजपा का पूरा फोकस अब अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव पर है। प्रदेश संगठन ने लगातार चिंतन बैठकें भी करने का फैसला किया है। इसका आगाज दशहरे के बाद होगा। चिंतन बैठकें अलग-अलग स्थानों पर भी करने की रणनीति बनी है, जिसमें पहली बैठक धमतरी में हो रही है। बैठक में सत्ता वापसी में क्या रुकवाटें हो सकती हैं, उसको भी दूर करने की रणनीति बनेगी। सक्रियता पर ध्यान देते हुए ऐसे पदाधिकारियों को बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा, जिनके बारे में सर्वे में यह बात सामने आई है कि ये लोग सक्रिय नहीं हैं। जिलाध्यक्षों को लेकर लगातार सर्वे होने के साथ ही संभागीय प्रभारियों को बैठक से पहले संभागों का दौरा करके रिपोर्ट बनाने कहा गया था। संभागीय प्रभारियों की रिपोर्ट के आधार पर ही जिलाध्यक्षों का भविष्य तय होगा।
40 से 50 नेताओं की सूची तैयार की गई
धमतरी की बैठक में भाजपा के राष्ट्रीय नेताओं के साथ राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह, प्रदेशाध्यक्ष अरूण साव, संगठन महामंत्री पवन साय, महामंत्री केदार कश्यप, धरमलाल कौशिक, नेता प्रतिपक्ष नारायण सिंह चंदेल, ओपी चौधरी के साथ कुछ और पदाधिकारियों के अलावा पूरा कोर ग्रुप, संभाग के सभी प्रभारी, सांसद, विधायक और कुछ पुराने दिग्गज नेता रहेंगे। करीब 40 से 50 नेताओं की एक सूची तैयारी की गई है। जिनके नाम तय हुए हैं, उनको बैठक की सूचना मात्र दी गई है। बैठक में क्या होना है यह किसी को नहीं बताया गया है। संगठन की मजबूती पर ज्यादा फोकस किया जाएगा।