ED, CBI को PFI से बदतर बता रही शिवसेना, BJP को चेताया, ‘वंदे मातरम्’ पर भी पूछा सवाल

रविवार को महाराष्ट्र सरकार ने एक जागरूकता अभियान शुरू किया था, जिसके तहत लोगों से फोन पर अंग्रेजी में ‘हैलो’ के बजाए ‘वंदे मातरम्’ बोलने की अपील की जा रही थी। अब इसे लेकर शिवसेना ने सवाल किया है।

विजयदशमी पर ‘शिवतीर्थ’ में दशहरा रैली की तैयारियों में जुटी उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली शिवसेना जमकर सियासी हमले कर रही है। अब गुट ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और भारतीय जनता पार्टी पर सवाल उठाए हैं। मुखपत्र ‘सामना’ में शिवसेना ने प्रवर्तन निदेशालय यानी ED और सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (CBI) की तुलना पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) से कर दी।

बुधवार को ‘सामना’ में प्रकाशित संपादकीय के अनुसार, ‘‘पीएफआई’ जैसे आतंकवादी विचारों के संगठनों पर प्रतिबंध लगाया जा रहा है, यह अच्छा है। इस तरह के विषधारियों को उखाड़कर नष्ट कर देना चाहिए। ऐसी कार्रवाइयां राष्ट्रहित के लिए जरूरी होती हैं। लेकिन कश्मीर घाटी का आतंकवाद जैसे थे वैसा ही है। वहां के कश्मीरी पंडितों का आक्रोश दिल्ली को बेचैन नहीं कर पाया इसका दुख है।’

आगे लिखा गया, ‘‘पीएफआई’ से भी भयंकर आतंकवाद ‘ईडी’, ‘सीबीआई’ जैसी केंद्रीय जांच एजेंसियों ने चला रखा है। राजनीतिक विरोधियों की आवाज दबाने के लिए इन एजेंसियों का गैर इस्तेमाल किया जा रहा है, तब देश में कानून का राज है, ऐसा कतई कहा नहीं जा सकता। राजनीतिक विरोधी भयग्रस्त रहें, यह लोकतंत्र के लक्षण नहीं हैं।’

‘हैलो’ और ‘वंदे मातरम्’ पर तंज
रविवार को महाराष्ट्र सरकार ने एक जागरूकता अभियान शुरू किया था, जिसके तहत लोगों से फोन पर अंग्रेजी में ‘हैलो’ के बजाए ‘वंदे मातरम्’ बोलने की अपील की जा रही थी। अब इसे लेकर शिवसेना ने सवाल किया है। पार्टी ने लिखा, ‘रुपए की कीमत मिट्टी में मिल गई, महंगाई बढ़ी, बेरोजगारी बढ़ ही रही है, किसान आत्महत्याएं कर ही रहे हैं और उसका समाधान क्या तो इसके आगे ‘हैलो’ बोलने की बजाय ‘वंदे मातरम’ बोलें! यह मातृभूमि हमारी ही है। इस मातृभूमि के आगे हम सदैव नतमस्तक हैं। लेकिन यह भूमि सही अर्थों में सुजलाम-सुफलाम कब होगी?’

आगे कहा गया, ‘चीन केवल लद्दाख की सीमा पर ही नहीं, तो अरुणाचल में भी घुस गया है। उसे सबक कब सिखाएंगे? ‘वंदे मातरम’ का यही सही अर्थ है। महाराष्ट्र को तोड़कर, कमजोर करके ‘वंदे मातरम’ की गर्जना कैसे की जा सकती है?’

क्या महाराष्ट्र बनाम गुजरात हो रहा है मुकाबला?
शिवसेना ने मेदांता मामले को लेकर भी सरकार को घेरा। पार्टी ने कहा, ‘महाराष्ट्र के उद्योग खींचकर-भगाकर गुजरात ले जाया जा रहा है। एक ‘वेदांता’ ही नहीं तो ‘ड्रग्स पार्क’ से लेकर कई परियोजनाएं उद्योगपतियों को बहला-फुसलाकर लालच देकर ले जाना, इसे कौन-सा लक्षण माना जाए? महाराष्ट्र के युवाओं का लगभग पांच लाख रोजगार इससे डूब गया।’

शिवसेना ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी गुजरात चुनाव में फंसे रहने के आरोप लगाए। मुखपत्र के अनुसार, ‘प्रधानमंत्री मोदी इस समय गुजरात के चुनाव में फंसे हुए हैं। इसलिए उन्हें गुजरात के अलावा कुछ नहीं दिख रहा। गुजरात को बदनाम करने और इस राज्य में आ रहे निवेश को रोकने का षड्यंत्र कुछ लोगों ने रचा है, ऐसा बयान हमारे प्रधानमंत्री करें, इसे दुर्भाग्यपूर्ण ही कहा जाएगा। वे पूरे देश के प्रधानमंत्री हैं। वे जितना गुजरात के हैं उतना महाराष्ट्र के भी हैं। हम इस सिद्धांत का पालन करते हैं।’

नए संघर्ष का ऐलान
पार्टी ने चुनावी जंग में भाजपा को हराने का ऐलान कर दिया है। शिवाजी पार्क में रैली को लेकर कहा, ‘जिस शिवाजी पार्क से शिवसेनाप्रमुख ने हिंदुत्व, मराठी अस्मिता का बिगुल फूंका, महाराष्ट्र को जगाया, एक शक्तिशाली संगठन खड़ा किया। उसी शिवतीर्थ पर शिवसेना विरुद्ध मराठी लोगों को लड़ाने का पाप भाजपा की कमलाबाई ने किया। हालांकि अब शिवसेना के अगले संघर्ष के नए पर्व की शुरुआत फिर एक बार शिवाजी पार्क की इस रणभूमि से हो रही है।’

भाजपा को लेकर पार्टी ने कहा, ‘आज शिवतीर्थ पर विचारों का सीमोल्लंघन होगा। किसी को कितना भी अपशकुन करने दो, महाराष्ट्र में शिवसेना का ही भगवा लहराता रहेगा। आज मुंबई पर शिवसेना का राज है। तुम्हारी छाती पर बैठकर फिर मुंबई जीतेंगे ही। अगले चुनाव में कमलाबाई की ऐसी गति होगी कि भाजपा महाराष्ट्र के इतिहास से नष्ट दिखाई देगी। अगली पीढ़ी को पता भी नहीं चलेगा कि भाजपा नाम की एक पार्टी महाराष्ट्र में थी और वह महाराष्ट्र की जड़ों पर आई थी।’

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