यूपी के खाताधारकों को बड़ा फायदा मिलने वाला है। डाकघरों में अब डीबीटी योजनाओं के जरिए पैसा आसानी से ट्रांसफर हो जाएगा। इससे भारी तादाद में आम लोगों को खास तौर पर ग्रामीणों को फायदा होगा।
यूपी के खाताधारकों को बड़ा फायदा मिलने वाला है। डाकघरों में अब डीबीटी योजनाओं के जरिए पैसा आसानी से ट्रांसफर हो जाएगा। इससे भारी तादाद में आम लोगों को खास तौर पर ग्रामीणों को फायदा होगा। राज्य में कुल 17883 डाकघरों में से 15991 डाकघर ग्रामीण क्षेत्रों में हैं।
इस नई व्यवस्था को अच्छे से लागू कराने के लिए मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने सभी अपर मुख्य सचिवों, मंडलायुक्तों व जिलाधिकारियों को पत्र भेजा है। बैंकों की तरह डाकघरों के बचत खातों में एनईएफटी सेवा शुरू हो गई है। साथ ही आईएफसी कोड भी उपलब्ध कराया गया है। इससे डाकघर व बैंक जुड़ गए हैं। अब डाकघर में अपना बचत खाता रखने वाले इंटरनेट बैंकिंग के साथ मोबाइल बैंकिंग सुविधा भी उपलब्ध करा दी गई है।
नई व्यवस्था के तहत डाक विभाग के बचत बैंक खातों में लाभार्थियों को धनराशि भेजने से लोगों को अंतरित धनराशि इस्तेमाल करने में आसानी होगी। इन डाकघरों में धन निकासी सीधे डाकघर बचत खाते से भी की जा सकती है। आधार पेमेंट सिस्टम डाकघरों में लागू है। इससे लोगों को पैसा निकालने में अपना समय व्यर्थ नहीं गवाना पड़ेगा।
खास बात यह कि जहां बैंकिंग सेवाएं उपलब्ध नहीं हैं, उन ग्रामीण इलाकों में किसानों व अन्य लोगों को डाकघर से डीबीटी के जरिए पैसा मिल जाएगा। डाकघर व बैंक आपस में भी लेनदेन संभव हो सकेगा। मुख्य सचिव ने कहा है कि राज्य की विभिन्न योजनाओं के लाभार्थियों को डाकघरों के जरिए ग्रामीण स्तर पर डीबीटी योजनाओं का लाभ दिलाना सुनिश्चित किया जाएगा।
सबसे ज्यादा डाकघरवाले शीर्ष पांच जिले
- रायबरेली- 439
- सीतपुर- 418
- प्रयांगराज- 415
- आजमगढ़- 408
- लखीमपुर खीरी- 388