Stock Market Crash: घरेलू शेयर बाजार में सोमवार को लगातार चौथे कारोबारी दिन में भारी गिरावट दर्ज की गई। बीएसई सेंसेक्स 953.70 अंक लुढ़ककर बंद हुआ।
Stock Market Crash: घरेलू शेयर बाजार में सोमवार को लगातार चौथे कारोबारी दिन में भारी गिरावट दर्ज की गई। बीएसई सेंसेक्स 953.70 अंक लुढ़ककर बंद हुआ। कई देशों के केंद्रीय बैंकों के ब्याज दरों में बढ़ोतरी और वैश्विक बाजारों में मंदी की बढ़ती आशंका के चलते विदेशी निवेशकों की बिकवाली से घरेलू बाजारों में गिरावट आई। कारोबारियों के अनुसार अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले रुपये के रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंचने का भी निवेशकों के सेंटिमेंट्स पर असर पड़ा।
चार दिन में 2000 अंक टूटा सेंसेक्स
30 शेयरों पर आधारित सेंसेक्स में लगातार चौथे कारोबारी दिन में गिरावट आई और यह 953.70 अंक यानी 1.64 प्रतिशत की गिरावट के साथ 57,145.22 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान एक समय सेंसेक्स 1,060.68 अंक तक गिर गया था। इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 311.05 अंक यानी 1.80 प्रतिशत की गिरावट के साथ 17,016.30 अंक पर बंद हुआ। बता दें कि पिछले चार कारोबारी सत्रों में सेंसेक्स करीब 2500 अंक टूट गया। 20 सितंबर को सेंसेक्स 59,719.74 अंक पर बंद हुआ था और आज 57,145.22 पर बंद हुआ है।
13 लाख करोड़ रुपये ‘स्वाहा’
कमजोर वैश्विक संकेतों के बीच डॉलर इंडेक्स में तेज बढ़ोतरी और विदेशी निवेशकों के बिकवाली के कारण दलाल स्ट्रीट पर निवेशकों ने केवल चार कारोबारी दिन में 13 लाख करोड़ रुपये गंवा दिए। शेयर बाजार में जारी बिकवाली के बीच बीएसई में लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप 26 सितंबर को 270 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया, जो 20 सितंबर को 283 लाख करोड़ रुपये था।
ऑल टाइम लो लेवल पर पहुंचा रुपया
डॉलर के मुकाबले रुपये की स्थिति लगातार कमजोर हो रही है। सोमवार 54 पैसे की गिरावट के बाद एक डॉलर की कीमत 81.63 रुपये हो गई है। जोकि अबतक का सबसे निचला स्तर है।इसस पहले सोमवार सुबह डॉलर के मुकाबले रुपये का भाव 81.47 रुपये पर आ गया था। डॉलर 20 साल के सबसे उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है। वहीं, रुपये में आई ऐतिहासिक गिरावट के बाद व्यापारियों ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक ने गिरावट को रोकने के लिए डॉलर बेचे जाने की संभावना है।
क्या कहते हैं एक्सपर्ट?
एचडीएफसी सिक्योरिटीज के खुदरा अनुसंधान प्रमुख दीपक जसानी ने कहा, ‘‘कमजोर वैश्विक संकेतों और रुपये में लगातार गिरावट के कारण निफ्टी लगातार चौथे कारोबारी सत्र में नुकसान में रहा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘उच्च मुद्रास्फीति और वैश्विक मंदी की आशंका लगातार बढ़ने के कारण इक्विटी समेत जोखिम वाली वैश्विक संपत्तियों में सोमवार को बड़ी बिकवाली दर्ज की गई।’’
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेड रिजर्व के ब्याज दरों में आक्रामक वृद्धि की वजह से डॉलर में तेजी, सुस्त आर्थिक वृद्धि और सतर्क निवेशकों की बढ़ती मांग वैश्विक शेयर बाजारों में उथल-पुथल पैदा कर रही है।
उन्होंने कहा, ‘‘इन सबके बीच रुपये में गिरावट, बांड प्रतिफल बढ़ने और एशिया के अन्य बाजारों में कमजोर रुख के साथ घरेलू बाजार नुकसान में रहे। केवल आईटी क्षेत्र लाभ में रहे। इसका कारण यह संभावना है कि वैश्विक मंदी की आशंका का ज्यादातर असर कीमत के रूप में आ चुका है।’’